माया की साख पर आंच

संजय सक्सेना

उत्तर प्रदेश में दस महीने के भीतर दो सीएमओ हत्याकांडो की गुत्थी सुलझाने में लगी पुलिस के लिए एक बार फिर मुश्किल खड़ी हो गई है। पुलिस दो अप्रैल को हुए सीएमओ बीपी सिंह हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर वाईएस सचान से कुछ कबूलवा पाती इससे पहले ही उनकी लखनऊ जेल के अस्पताल में संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई।माया सरकार भले ही चुप्पी साधे हो लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डाक्टर सचान के शरीर पर मिले ब्लेड से काटने के निशान कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। वहीं एक चोट ऐसी थी जो उनकी मौत के बाद लगी थी।माया सरकार सचान की मौत को अत्याधिक खून रिसाव के कारण हुई मौत मान रही है।सरकार ने इस मामल ेकी न्यायिक जांच शुरू करा दी है,लेकिन कोई भी इससे सतुष्ट नहीं है।न सचान का परिवार और न ही विपक्षी दल।विपक्ष ने सचान की मौत को साजिश करार देते हुए आरोप लगाया कि सत्त पक्ष के बड़े गुनहागारों को बचाने के लिए सचान को मौत के मुंह में भेज दिया गया।पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।

गौरतलब हो उत्तार प्रदेश के परिवार कल्याण विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) बीपी सिंह की हत्या के मामले में डिप्टी सीएमओ वाईएस सचान मुख्य अभियुक्त थे।सचान की मौत के बाद जेल प्रशासन ने सख्ती का नाटक शुरू कर दिया। कारागार विभाग के महानिरीक्षक ने सचान की बुधवार(22जून11) को जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु को गम्भीरता पूवर्क लेते हुए इस मामले में जेलर समेत पांच कारागार कर्मियों को निलम्बित कर दिया है। लखनऊ कारागार के जेलर, डिप्टी जेलर, एक हेड कांस्टेबल, जेल गार्ड तथा दो बंदीरक्षकों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया गया है।प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर इन कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई। लेकिन एक जेल कर्मी ऐसा भी था जो पूरी तरह से संदिग्ध था,परंतु उससे पूछंताछ नहीं की गई।

महानिरीक्षक (कारागार) वीके गुप्ता ने बताया ”जेल अधीक्षक बी एस मुकुन्द और डॉक्टर वीपी त्रिपाठी के मुताबिक, सचान का शव कारागार के अस्पताल के एक शौचालय में पाया गया।” ज्ञातव्य है कि गत 17 जून को एसटीएफ की ओर से गिरफ्तार किये गए तीन लोगों की निशानदेही पर सचान को सीएमओ बीपी सिंह हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त बनाया गया था। सिंह की गत दो अप्रैल को लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में सुबह सैर करते समय मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सचान का नाम पिछले साल अक्तूबर में तत्कालीन सीएमओ (परिवार कल्याण) डॉक्टर विनोद कुमार आर्या की हत्या के मामले से भी जोड़ा गया था।सचान की मौत से प्रदेश की राजनीति गरमा गई है।

भाजपा की उत्तर प्रदेश प्रभारी उमा भारती ने सचान की मौत को साजिश करार देते हुए सीबीआई जांच की मांग की।कांग्रेस ने भी भाजपा के सुर में सुर मिलाते हुए न्यायिक जांच को माया सरकार का ड्रामा करार दिया।कांग्रेस भी सीबीआई जांच से कम पर सहमत नहीं थी। वहीं सपा ने पूरे प्रदेश में सड़क पर विरोध जता कर अपना गुस्सा जाहिर किया। प्रदर्शनकारी सपाइयों और पुलिस के बीच हल्की-फुल्की झड़प भी हुई।सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह का कहना था’ डाक्टर सचान के दोनों हाथों की नसें कटी हुई थीं।शौचालय में बेल्ट से उनकी लाश लटकी हुई थी।डाक्टरों की राय में ये दोनों चीजें संम्भव नहीं हैं।उनकी कथित डायरी अफसरों ने छिपा ली।अखिलेश सिंह का कहना था कि बसपा सरकार के दो पूर्व मंत्रियों अनन्त कुमार मिश्र और बाबू सिंह कुशवाहा के साथ-साथ मुख्यमंत्री मायावती को बचाने के लिए डा0 सचान को रास्ते से हटाने की साजिश रची गई हो सकती है।ये दोनों पूर्व मंत्री राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले में शामिल हैं। इन दोनों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिये।” उन्होंने आरोप लगाया ”प्रदेश के कैबिनेट सचिव और वरिष्ठ अधिकारी भी सचान हत्याकांड में शामिल हैं।” उच्चतम न्यायालय से इस मामले का स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए यादव ने कहा ”यह मामला सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़ा है। प्रदेश सरकार और उसके अधिकारी इस मामले को दबाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। इसलिये हमारी मांग है कि इस प्रकरण की सीबीआई से जांच कराई जाए।” इस बीच, सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने इटावा में कहा कि सरकार के कई मंत्रियों और अधिकारियों ने राज खुलने के डर से डॉक्टर सचान की हत्या कराई है। उन्होंने कहा ”हमारी मांग है कि राज्यपाल बीएल जोशी इस मामले की सीबीआई से जांच कराए ताकि सच्चाई सामने आ सके।”

कांग्रेस पार्टी ने भी सचान की लखनऊ जिला जेल अस्पताल में रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के पीछे बसपा के बड़े नेताओं का हाथ होने का आरोप लगाते हुए मायावती सरकार की बर्खास्तगी की मांग की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने बताया, ”डॉ. सचान की हत्या के बाद सीएमओ हत्याकांड की गुत्थी और उलझ गयी है। श्रीवास्तव ने कहा कि जेल के भीतर डॉ. सचान की हत्या से यह साबित हो गया है कि प्रदेश में कानून का राज समाप्त हो चुका है और मुख्यमंत्री मायावती सत्ताा में रहने का अधिकार खो चुकी हैं और अच्छा होगा कि मुख्यमंत्री स्वयं ही अपने पद से इस्तीफा दे दें। भारतीय जनता पार्टी ने भी डॉ. सचान की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत को सरकार की साजिश करार देते हुए आरोप लगाया है कि अपने कुकर्मों पर पर्दा डालने और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए सचान की हत्या को आत्महत्या साबित करने की कोशिश की जा रही है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ”डॉ. सचान सीएमओ बीपी सिंह हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त थे, जिस मामले में सरकार के दो मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा था। सचान कुछ खास लोगों के बारे में अपना मुंह खोल सकते थे। मगर उससे पहले उनकी हत्या कर दी गयी।” उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों के दौरान बसपा सरकार ने अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को खुली छूट दे रखी है और उन्हें धन उगाही में लगा रखा है। इसीलिए यह उनका बचाव भी करती है। नकवी ने कहा, ”यह सरकार अपने कुकर्मों पर पर्दा डालने और भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगी है तथा डॉ. सचान की हत्या को आत्महत्या साबित किये जाने की कोशिश इसका साफ प्रमाण है।”

यह कहते हुए कि बसपा सरकार का अब और बना रहना जनहित में नहीं है, नकवी ने आरोप लगाया है कि यह सरकार लूट पर छूट और जुर्म पर झूठ के बेशर्मी भरे सिध्दांत पर काम कर रही है तथा चोरी और सीनाजोरी पर उतर आयी है। भ्रष्टाचार के सवाल पर आज से शुरू हुए पार्टी के तीन दिवसीय जनजागरण अभियान के बारे में जानकारी देते हुए नकवी ने बताया कि इस अभियान के दौरान भाजपा जहां एक ओर केन्द्र सरकार के भ्रष्टाचार और काले धन को मुद्दा बनायेगी। वहीं अहंकारी, भ्रष्ट और अत्याचारी बसपा सरकार से जनता को निजात दिलाने के लिए जन दबाव बनायेगी। भाजपा उपाध्यक्ष नकवी ने केन्द्र की कांग्रेसनीत संप्रग सरकार और प्रदेश की बसपा सरकार में सांठगांठ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार इन दोनों सरकारों का साझा एजेंडा है।

उधर, सचान की पत्नी अपने पति का पोस्टमार्टम दुबारा एम्स में कराए जाने की और सीबीआई जांच की मांग कर रही थीं ,लेकिन काफी समझाने-बुझाने के बाद वह बॉडी लेने को तैयार हो गई।इसके बाद आनन-फानन में सचान का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।सचान का पोस्टमार्टम पांच डाक्टरों की टीम ने किया था। कोर्ट ने भी दोबारा पोस्टमार्टम की बात नकार दी। डिप्टी सीएमओ डॉक्टर वाईएस सचान के कथित तौर पर आत्महत्या किए जाने को उनके बड़े भाई ने हत्या का मामला बताते हुए इसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग की। सचान के भाई आरके सचान ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा ”मेरे भाई की हत्या की गई है। मैं चाहता हूं कि इस मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए।” उन्होंने कहा ”क्या आपने कभी सुना है कि किसी व्यक्ति ने अपनी बेल्ट से फांसी लगाई हो।

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संजय सक्‍सेना
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी संजय कुमार सक्सेना ने पत्रकारिता में परास्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद मिशन के रूप में पत्रकारिता की शुरूआत 1990 में लखनऊ से ही प्रकाशित हिन्दी समाचार पत्र 'नवजीवन' से की।यह सफर आगे बढ़ा तो 'दैनिक जागरण' बरेली और मुरादाबाद में बतौर उप-संपादक/रिपोर्टर अगले पड़ाव पर पहुंचा। इसके पश्चात एक बार फिर लेखक को अपनी जन्मस्थली लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्र 'स्वतंत्र चेतना' और 'राष्ट्रीय स्वरूप' में काम करने का मौका मिला। इस दौरान विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं जैसे दैनिक 'आज' 'पंजाब केसरी' 'मिलाप' 'सहारा समय' ' इंडिया न्यूज''नई सदी' 'प्रवक्ता' आदि में समय-समय पर राजनीतिक लेखों के अलावा क्राइम रिपोर्ट पर आधारित पत्रिकाओं 'सत्यकथा ' 'मनोहर कहानियां' 'महानगर कहानियां' में भी स्वतंत्र लेखन का कार्य करता रहा तो ई न्यूज पोर्टल 'प्रभासाक्षी' से जुड़ने का अवसर भी मिला।

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