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आपात्काल, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और स्मृतियां - भाग-३ - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
इमर्जेन्सी की ३७वीं बरसी पर विशेष विपिन किशोर सिन्हा थानेदार नागेन्द्र सिंह चारों से बस एक ही सवाल बार-बार पूछता - "बता सालो, नानाजी देशमुख कहां है?" इतनी यातना के बाद भी होमेश्वर हंसता रहा। उसने थानेदार से ही प्रश्न पूछा - "आप कहां तक पढ़े हैं?" "मैं इन्टर पास…