कहो कौन्तेय-१६ (महाभारत पर आधारित उपन्यास) - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
विपिन किशोर सिन्हा पिछला भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें इधर कर्ण को युद्ध के लिए अपने सम्मुख पाकर मैं अत्यन्त प्रसन्न हुआ। रंगभूमि में उसने मुझे द्वंद्व युद्ध की चुनौती दी थी। समयाभाव और कृपाचार्य की व्यवस्था के कारण हम लोगों में युद्ध नहीं हो सका था। आज…