कांग्रेस को लगी मिर्ची : सुदर्शन के बयान से तिलमिला गए कांग्रेसी

सोनिया के खिलाफ सुदर्शन बयान पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग, गिलानी और अरुंधती के देश के खिलाफ बयान पर चुप्पी क्या जायज है? कांग्रेस ने संघ पर आतंकवादी होने का आरोप लगाया तब कुछ नहीं, कांग्रेस ने संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट होने का आरोप लगाया तब तो कांग्रेसजनों को खूब मजा आ रहा था, अपनी बारी आई तो दर्द होने लगा। दरअसल कांग्रेसी इस नौटंकी से भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी यूपीए सरकार से देश की जनता का ध्यान हटाना चाहते हैं।

कहावत है जाके पांव न फटी बिमाई, वो का जाने पीर पराई। यह कहावत सोनिया गांधी को लेकर पूर्व सर संघचालक के. सुदर्शन के बयान पर कांग्रेस की बौखलाहट पर सटीक बैठती है। सुदर्शन जी ने सोनिया पर सीआईए का एजेंट होने का आरोप क्या लगाया, सोनिया के चरण चाटुकारों को मिर्ची लग गई। सबसे पहले तो यह साफ कर दूं कि मैं संघ के पूर्व सर संघचालक के. सुदर्शन के बयान को उचित नहीं मानता। मेरा मानना है सबूत हाथ में हो तब बात की जाए। सुदर्शन ने जो किया वही तो कांग्रेस इतने सालों से संघ के खिलाफ कर रही थी। कांग्रेस ने तो बाकायदा कुछ लोगों को काम सौंप रखा था कि संघ के खिलाफ मौके-बेमौके कुछ न कुछ बोलते रहो, करते रहो ताकि कांग्रेस का एक वोट बैंक मजबूत होता रहेगा। मध्यप्रदेश के कुटिल राजनीतिज्ञ दिग्विजय का तो जब भी मुंह खुलता है वे संघ को आतंकवादी संगठन ठहराने से पीछे नहीं हटते, साबित आज तक नहीं कर पाए। पी. चिदंबरम पवित्र भगवा रंग को आतंकवादी रंग घोषित कर देते हैं। इन्हीं सोनिया गांधी के सुपुत्र राहुल गांधी संघ की तुलना एक आतंकवादी संगठन सिमी से कर देते हैं। कांग्रेस का हर आम-ओ-खास नेता संघ को गरियाता रहा। उस पर आतंकवादी होने का आरोप लगाता रहा, संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को आईएसआई का एजेंट होने का आरोप लगाता रहा तब कांग्रेस चुप रही। कहीं किसी को दर्द नहीं हुआ, जब खुद की पार्टी की एक नेता पर आरोप लगा तो असहनीय पीढ़ा हो उठी।

हांलाकि संघ ने इस बयान से किनारा कर लिया है और इसे के. सुदर्शन का व्यक्तिगत बयान बताया है। लेकिन, वोटों की राजनीति चमकाने और सोनिया की कृपा के लिए लालायित रहने वाले नेताओं की ओर से तमाम तरह के बयान आने लगे। वे इस मौके को कैसे भी नहीं छोडऩा चाहते। क्योंकि उन्हें देश की जनता का ध्यान भ्रष्टाचार में फंसी कांग्रेस से हटाना है। कांग्रेस के प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने कहा कांग्रेस के कार्यकर्ता कुछ भी कर सकते हैं इसकी जिम्मेवारी संघ की होगी। संघ, भाजपा (भाजपा को जबरन घसीट लिया) और सुदर्शन सोनिया से माफी मांगे। वहीं कांग्रेस की आतंकवादी चेहरे जगदीश टाइटलर ने तो वही पुराना राग अलापा संघ पर प्रतिबंध लगाने का। इतना ही नहीं तो कई बड़े वाले चाटुकारों ने सोनिया को देश की एकता का प्रतीक मान लिया। इसलिए के. सुदर्शन के बयान को देश की एकता-अखण्डता को नुकसान पहुंचाने वाला बता दिया। इन लोगों ने सुदर्शन पर राष्ट्रद्रोह का मुकद्मा दर्ज करने की मांग की है। ….बस यहीं मुझे आपत्ती है, बाकी सब अपनी जगह है। संघ के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करने वाले दिग्विजय, हिन्दुओं के पवित्र रंग को आतंक का प्रतीक घोषित करने वाले चिदंबरम और सिमी से संघ की तुलना करने वाले राहुल के खिलाफ कांग्रेस खामोश रही और मात्र एक सोनिया पर आरोप लगा तो इतना हो-हल्ला। …और जिन सोनिया गांधी के लिए कांग्रेसी नाटक कर रहे हैं, वे भी कम वाचाल नहीं है। भाजपा के स्टार नेता नरेन्द्र मोदी (जिन्होंने गुजरात में कांग्रेस को धूल चटा रखी है) को ‘मौत का सौदागरÓ कहा था। तब कांग्रेसी कहां चले गए थे? चलो इन्हें छोड़ो, ये तो उसके अपने हैं, फिर इन्होंने तो संघ और हिन्दुओं का ही तो अपमान किया है। कांग्रेस की कृपा तो उन पर भी रहती है जो खुलकर भारत विरोध करते हैं। कांग्रेस की नाक के नीचे दिल्ली में अलगाववादी नेता गिलानी और अरुंधती देश विरोधी प्रोपोगंडा फैलाते हैं, कांग्रेस मुंह सिलकर बैठी रही, जबकि इस देश की आम जनता ने इनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह के तहत कार्रवाई की मांग की। लेकिन लगता है कांग्रेस ने सोनिया को इस देश से ऊपर मान लिया है। तभी तो राष्ट्रविरोधी बातें करने वालों पर कांग्रेस का अमृत बरसता है। कश्मीर में राष्ट्रध्वज और सेना को गाली-गलौज करने वालों को यही यूपीए सरकार 100 करोड़ का राहत पैकेज जारी करती है। वहीं एक सुदर्शन का एक कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ बयान देशद्रोह की कैटेगरी में आ जाता है। धन्य है ऐसी चाटुकारिता।

अंत में एक बार फिर के. सुदर्शन के बयान पर लौटता हूं। उनके बयान से वाकई संघ ने अखिल भारतीय स्तर पर धरने से जो बढ़त हासिल की थी उसे खो दिया है। अगर सुदर्शन जी के पास सबूत हैं तो उनको जनता के सामने पेश करें। बयानबाजी करके कांग्रेस की कैटेगिरी में आने की कोशिश क्यों? सुदर्शन जी ने जो भी कहा फिलहाल तो वह आरोप ही हैं, लेकिन उनके बयानों पर निश्चित तौर पर शोध की जरूरत है। मेरा तो यह मानना शुरू से ही रहा है कि सोनिया गांधी (एंटोनिया माइनो) भी स्वयं शोध का विषय है, जबकि भारतीयों ने खासकर कांग्रेस ने जल्द ही सोनिया को सिरमाथे बिठा लिया। यह सत्य है कि उन्होंने अपनी जन्मतिथि की गलत जानकारी दी, यह भी सत्य की कि उनके पिता स्टेफानो माइनो ने एक नाजी सेना में काम किया और इसी कारण वे द्वितीय विश्व युद्ध के वक्त रूस के युद्धबंदी रहे। साथ ही सोनिया के बारे में यह भी सभी जानते हैं कि सोनिया ने भारत की नागरिकता बहुत दिन बाद सोच-विचार के बाद ली। इस बात पर भी शोध की आवश्यकता है कि क्या वाकई सोनिया के दखल की वजह से ही इंदिरा गांधी का सुरक्षाकर्मी नहीं बदला जा सका था, जबकि जिसने इंदिरा को गोली मारी उसे हटाए जाने की प्रक्रिया चल रही थी। इंदिरा को तत्काल राममनोहर लोहिया अस्पताल में क्यों नहीं ले जाया गया, एम्स क्यों ले गए। सोनिया गांधी के विषय में समय-समय पर किसी न किसी ने कुछ न कुछ विवादास्पद लिखा है। भाजपा के दीनानाथ मिश्र ने ‘सोनिया का सचÓ लिखा। वहीं डॉ. सुब्रह्मणयम स्वामी ने भी उन पर विस्तृत शोध लिखा है। फिलहाल कांग्रेस द्वारा जो नाटक-नौटंकी चल रही है इसका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ भष्ट्राचार की खाई में फंसी यूपीए सरकार को संघ की पूंछ पकड़कर पार लगाना है। खैर जो भी चल रहा है उससे यह तो स्पष्ट होता जा रहा है कि देश की राजनीति की दिशा क्या है?

— लोकेन्द्र सिंह राजपूत

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लोकेन्द्र सिंह राजपूत
युवा साहित्यकार लोकेन्द्र सिंह माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में पदस्थ हैं। वे स्वदेश ग्वालियर, दैनिक भास्कर, पत्रिका और नईदुनिया जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। देशभर के समाचार पत्र-पत्रिकाओं में समसाययिक विषयों पर आलेख, कहानी, कविता और यात्रा वृतांत प्रकाशित। उनके राजनीतिक आलेखों का संग्रह 'देश कठपुतलियों के हाथ में' प्रकाशित हो चुका है।

10 COMMENTS

  1. अगर सुदर्शन जी ने कहा तो ऐसे ही नहीं कहा होगा, जरुर कहीं न कहीं ये बात कुच्छ हद तक सच होगी ! ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें डॉ. सुब्रमनियम स्वामी द्वारा लिखे इस लेख को जो सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं . इन्होंने यह सारी जानकारी उस समय के प्रधान मंत्री अटल जी और गृह मंत्री आडवानी जी को भी दी थी, पर इसे वे इगनोरे कर दिए थे, फिर वो सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर भी करने की कोशिश भी की थी जो कोर्ट ने डिसमिस कर दिया इसे पर्सनल गोपिनियता में दखल कह के …..
    लेख बहुत जयादा लम्बा है पूरा लेख पढ़ें https://janataparty.org/sonia.html

    Do You Know Your Sonia Gandhi?
    by
    Dr. Subramanian Swamy
    (National President, Janatha Party)

    INTRODUCTION
    THREE LIES
    SONIA’S INTRODUCTION INTO INDIA
    SONIA’S KGB CONNECTIONS
    SONIA’S CONTEMPT FOR LAWS OF INDIA
    SONIA GANDHI IS THE MODERN ROBERT CLIVE
    WHAT PATRIOTIC INDIANS CAN DO

  2. कांग्रेस को पता है चुनाव जीतने के लिए अपार धन चाहिए. शायद इसीलिए स्पेक्ट्रम (१६० हजार करोड़ ) कॉमनवेल्थ (८० हजार करोड़) लवासा (१ लाख करोड़ ) हुआ…आज़ादी से अब तक कितना पैसा घोटालों से कमाया गया होगा इसकी कल्पना तो एक भारतीय नागरिक शायद ही कभी कर सके|
    ये घोटाले इसीलिए ताकि फिर चुनाव जीतें और फिर कोई पिछले सारे रिकार्ड तोडनेवाला घोटाला !
    हमारे राजनेता इसे लोकतंत्र की सफलता बताते हैं!

    इस अपार प्राक्रतिक धन सम्पदा वाले देश के हर नागरिक की प्रतिव्यक्ति आय दुनिया के किसी भी देश के व्यक्ति से १०० गुना अधिक हो सकती थी. लेकिन हमारे राजनेता और पूंजीपतियों ने सब हड़प लिया और विदेशियों को और बड़े ओद्योगिक घरानों को बेच दिया|

  3. सच वो नहीं जो दीखता है!!!! लम्बे समय मैं आने वाले परिणाम ही षड़यंत्र का खुलासा करते हैं
    इतने सालों मैं देश की दुर्गति क्यों हुयी…?
    अमीर लोग अरबपति बन बैठे क्यों?
    गरीब लोग दाने दाने को मोहताज़ हैं ?
    स्विस बैंकों मैं देश का धन क्यों जा रहा है?
    हिन्दू धर्म पर हमले क्यों?
    अन्य धर्मो द्वारा धर्मान्तरण क्यों?
    विदेशी कम्पनियां देश के उधोगों को नष्ट कर रही है?
    देश के महत्वपूर्ण संसाधनों पर विदेशियों का कब्ज़ा होता जा रहा है?

    गंभीरता से विचार करे कोन लोग एजेंट का काम कर रहे हैं?

  4. “कांग्रेस को लगी मिर्ची : सुदर्शन के बयान से तिलमिला गए कांग्रेसी” – by – लोकेन्द्र सिंह राजपूत

    ————— मेरा सुझाव —————

    (१) माननीय सुदर्शन जी के बयान का समय बहुत अच्छा है.

    संघ और कांग्रेस द्वारा जो दावे दाखिल किये जा रहे हैं, सभी को एक साथ सुनने का निवेदन उच्च न्यालायों से किया जा सकता है.

    (२) डाक्टर सुब्रमण्यम स्वामी जी को इन सभी मामलों में स्वयं intervene कर पार्टी बनना चाहिए. वह इन मामलो से सुपरिचित हैं.

    डाक्टर सुब्रमण्यम स्वामी जी को इस विषय पर जो logistic support e g junior counsel की आवश्य्कता हो, प्रदान करने चाहिए.

    (३) इस प्रकार देशवासियों को न्यायालय द्वारा सभी मुद्दों पर निर्णय विदित हो जायेगा.

    – अनिल सहगल –

  5. इस मुद्दे पर बाबा रामदेव के बयान को मिडिया ने मिसकोट कर दिया। लेकिन सुब्रमन्यम स्वामी का बयान ठीक आया है। कुछ अन्य लोगो को भी आगे आ कर सोनिया को एक्सपोज करना चाहिए। कुछ मुस्लीम लीडर्स को भी इस मुद्दे पर सुदर्शन जी का साथ देना चाहिए।

  6. वाह बाबा सुदर्शन – आपने तो कमाल कर दिया। कांग्रेसी अब सारे देश में अपनी रानी मधुमक्खी की असलियत बयान करते हुए प्रदर्शन कर रहे है। देशवासियो को असलियत से वाकिफ कराने का इस से अच्छा तरिका और क्या हो सकता था। वैसे विदेशी निवेष वाले टीवी चैनल बडे दुष्ट है – वह सिर्फ ईत्ता भर कह रहे है की बाबा जी सोनिया के खिलाफ “आपत्तिजनक बाते” कही हैं। सारी बाते खोल कर नही कह रहे है। वैसे बांकी का काम कांग्रेसीजन भुंक भुंक कर कह रहे हैं। वैसे आरोपो पर विस्तार से चर्चा हो तो अच्छा है। कोई टीवी चैनल वाला आरोपो पर विस्तृत चर्चा क्यो कही करवा रहा है|

  7. संघ के लोग राष्ट्रभक्त है… और कांग्रेसी सोनियाभक्त…
    संघ के लोग राष्ट्र से प्रेम करते हैं…कांग्रेस के पैसे से…
    संघ के लोग हिन्दू धर्म के लिए चिंतित है…कांग्रेस के लोग हिन्दु धर्म को नष्ट करने के लिए…
    संघ ने देश को अभी तक जीवित रखा है ….कांग्रेस ने देश को बेच दिया…

    स्विस बैंक मैं २६२ लाख करोड़ रुपये कांग्रेस नेताओं ने जमा किये है…एजेंट कोन है ???

  8. https://agrasen.blogspot.com/2009/05/know-sonia-maino-gandhi.html
    वेब साईट देख लें, आपको सच्चाई का आभास हो जाएगा। डॉ. सुब्रह्मण्यन स्वामी, जो हार्वर्ड विश्व विद्यालयके पी. एच. डी. (इकोनोमिक्स) हैं। जिनके सोनिया के सारे पूर्वी संबंधोंपर, सूक्ष्मताओं और सच्चाइयों पर भाषण मैंने सुना हुआ है।बहुत तर्क सहित प्रस्तुति करते हैं। यह केस तो और भी बिंदुओं से व्याप्त होगा। आगे क्या क्या आएगा, आप और मैं आज अनुमान नहीं लगा सकते। सारा सत्य बहुत अनपेक्षित होगा, और प्रश्नों के सूत्र आप को, कहीं से कहीं ले जाएंगे। वेबसाईट भी एक आइस्बर्ग की नोक समान है। और नोक ही बडा संकेत देती है। भारत में ही, यह क्यों होता है? मुझे लगता है, अभी भी हम गोरे रंगसे अभिभूत हैं? या तो और कारण समझ नहीं आता।
    कुछ व्यस्तता के कारण, प्रवक्ता पढ तो लेता हूं।
    कभी कभी उपर उपरसे भी देख लेता हूं।
    प्रवक्ता बढ रहा है। और समस्याएं आएगी। अब आपका दूसरी सीढी की तय्यारी हो। कुछ लोग खरिद दार आएंगे। शायद आही गए होंगे?

  9. लोकेन्द्र भाई शानदार लेख| चिंता न करें कॉंग्रेस का पतन अब समीप ही है| इसीलिए ये नेतागण इतने बौखला गए हैं| इन्हें खुद नहीं पता ये क्या बोल रहे हैं| कभी संघ को मुस्लिम विरोधी कहते है तो कभी आईएसआई से सम्बन्ध बताते हैं|
    लेख के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद, बस एक पंकज जी की कमी खल रही है| काश वे भी अपने विचार इस लेख पर व्यक्त करें|

  10. माननीय सुदर्शन जी ने बिल्कुल सही बात को ठीक ठंग से तथा ठीक समय पर कहा है। अमेरिकी सत्ता तथा सीआईए सहित उसके सारे अंग चर्च का पोषण करते है। सोनिया भी चर्च के हितो के लिए भारतीय सत्ता का उपयोग कर रही है। अतः यदि हम कम शब्दो में काफी कुछ कहना चाहते है तो सोनिया को सीआईए एजेण्ट कहना ही होगा।

    अब चर्च की निति को समझे। वह दक्षिण एसिया मे हिन्दु, मुसलमानो तथा वमपंथीयो मे शाश्वत द्वन्द चाहती है। उसके उल्ट हमे समझना होगा की इस द्वन्द का समाधान ही अखण्डता के निर्माण का रास्ता है। संघ ईतिहास के एक बहुत ही निर्णायक मोड पर खडा है। स्थितिया बिल्कुल साफ है। नितियो और कार्यशैली मे परिवर्तन आवश्यक हैं। मुसलमानो तथा वामपंथीयो पर शब्द-बाण चलाना बंद करना होगा – सदभाव निर्माण की कोशीश होनी चाहिए। अगर संघ का प्रबुद्ध वर्ग भी इस बात को नही समझता तो फिर यह मानना होगा की संघ भी सीआईए का अंग बनता जा रहा है।

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