pravakta.com
रे रामा! हरे कामा! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
हे कामदेव! तुम्हें रति की कसम! सच सच बतलाना!! इस द्वीप में अब तुमको क्या युवा नहीं मिल रहे जो तुमने अब संसार से विरक्तों पर भी अपने कामबाण चला उन्हें अपवित्र करना षुरू कर दिया ? माना, आज की भाग दौड़ की जिंदगी में बेचारे युवा युवा होने से…