आजादी के 70 साल

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स्वतंत्रता दिवस

प्रमोद कुमार

15 अगस्त को आजादी के 70 साल पूरे होने जा रहे हैं। देश को आजाद कराने वाले उन देश भक्तों को याद कर हम अपने देश भक्ति का परिचय देतें हैं। 15 अगस्त मतलब स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को देश भक्तों ने अपने प्रण नौछावर कर के हमें आज स्वतंत्र देश दिया। तांकि हम अपने जीवन को पूर्व रूप से स्वतंत्र होकर जीवन जीएं और अपने देश को पूरी दूनिया के समक्ष एक मिसाल बनाकर दिखाएं, वहीं देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रभक्ती की भावना जगाने के लिए स्वतंत्रता सेनानी श्री चन्द्रशेखर आजाद जी की जन्मभूमि भाबरा में ‘आजादी 70 साल, याद करो कुर्बानी’ अभियान की शुरूआत करके देश वासियों को देश भक्ति की भवना जगाने का काम किया है। इस कार्यक्रम से हम उन महान देश भक्तों को दिल से याद करेंगे और करते रहेंगे। पीएम मोदी जी का यह अभियान सराहनीय है। ‘आजादी 70 साल, याद करो कुर्बानी’ अभियान हमारे अंदर प्रेणा का सोत्र बनके दौडक़गा। केंद्र सरकार आजादी की 70वीं और भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं एनिवर्सरी को ‘जरा याद करो कुर्बानी’ के रूप में मना रही है। भाबरा गुजरात की सीमा से सटा है।

यहां पहली बार देश कोई प्रधानमंत्री पहुंचा। बता दें कि शिवराज सरकार ने आजाद के सम्मान में भाबरा का नाम बदलकर ‘चंद्रशेखर आजाद नगर’ कर दिया था। इस कस्बे के जिस मकान में 23 जुलाई 1906 को आजाद का जन्म हुआ था, उसे स्मारक के रूप में विकसित कर ‘आजाद स्मृति मंदिर’ का नाम दिया था। इस स्मारक में छोटा-सा म्यूजियम भी है। मोदी जी ने चन्द्रशेखर आजाद जी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजली दी और ऐसा देश में 69 साल बाद हुआ है इससे पहले 69 सालों से आजतक कोई भी देश का प्रधानमंत्री ने चन्द्रशेखर जी की जन्मभूमि पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई लेकिन नरेंद्र मोदी जी देश के पहले प्रधानमंत्री बने जिन्होंने आजाद जी की जन्मभूमि पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। आजादी को लेकर अब भी लोगों के मन में बहुत से सवाल उत्पन्न होते रहे हैं। कश्मीर के ताजा हालात ये बयां करते हैं कि देश को आजादी नहीं मिली है क्योंकि जब भारत देश का स्वर्ग कहा जाना वाला कश्मीर ही अतंकियों का गुलाम बना हुआ है। कश्मीर में आतंकी जब चाहे तब किसी घटना को बिना किसी डर के अंजाम दे देते हैं तो ऐसे में कैसे कहा जा सकता है कि आजादी को 70 साल हो गये हैं। सही मायने में देखा जाये तो आजादी ना तो देश को मिली है और ना ही कश्मीर को। क्योंकि आज भी हमारे देश की लड़कियां घर से अकेली बाहर जाने से घबराती हैं क्योंकि उन्हें यह डर लगा रहता है कि कहीं कुछ हमारे साथ गलत ना हो जाये। रेप और गैंगरेप की आये दिन मामले लोगों के मन में गुलाम देश की छवी पैदा करते हैं। हाल ही में हुए बुलंदशहर में मां- और बेटी से गैंगरेप से लोगों के मन डर बना हुआ है। तो आप ही बताये ऐसे महौल में हम अपने आपको कैसे आजाद महसूस कर सकते हैं? मोदी जी को इन घटनाओं पर ध्यान देते हुए कोई कड़ा कदम उठाना चाहिए ताकि लोगों के मन से डर हमेशा के लिए खत्म हो जाये और हर हिन्दुस्तानी अपने अपको आजाद महसूस करें और हर साल 15 अगस्त आजादी दिवस मनाते हुए लोगों के मन में भी कोई आतंकी हमला ना होने ना होने का डर भी खत्म हो जाये ताकि आजादी की खुशी से साथ साथ और बड़ी धूमधाम से मनाऐं। भाबरा में हुई सभा में अभियान की शुरूआत करते हुए मोदी जी ने 32 दिन बाद कश्मीर में हो रही हिंसा पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि कश्मीर में हो रही हिंसा देश के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। इस हिंसा का मुख्य कारण हिजबुल मुजाहिद्दीन आतंकी बुरहान वानी को मारा जाना है। घाटी में 8 जुलाई को हिजबुल मुजाहिद्दीन आतंकी बुरहान वानी को सिक्युरिटी फोर्सेस ने मार गिराया था। इसके बाद से ही श्रीनगर, पुलवामा और अनंतनाग में लोगों ने एनकाउंटर के विरोध में प्रदर्शन करने शुरू कर दिए थे। हालात इतने बिगड़ गये थे कि इनको काबू करने के लिए सीआरपीएफ की कई बटालियन भेजनी पड़ी थी। इसके लिए पैलेट गन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।- घाटी में पैलेट गन के इस्तेमाल करने को लेकर भी काफी विरोध हो रहा है। लोगों की फोर्सेस से झड़प अब भी जारी है। सूत्रों के मुताबिक- प्रदर्शनों के चलते 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं और 3 हजार से ज्यादा घायल हैं। इनमें 1500 से ज्यादा जवान हैं और अब भी कई इलाकों में कफ्र्यू भी लगे हुए 32 दिन से ज्यादा हो गए हैं। असल में देखा जाये तो आजादी को 70 साल जरूर होने वाले हैं लेकिन कश्मीर अभी तक गुलाम ही बना हुआ है जो आजादी भारत को है वो ही आजादी कश्मीर को भी होनी चाहिए। कश्मीर में रह रहे हिन्दु लोग अपने आपको आजाद महसूस नहीं कर सकते क्योंकि यहां आये दिन होते आतंकी हमलों ने इनके दिलों में डर पैदा कर रखा है। यहां हुई सभा में नरेंद्र मोदी ने कहा- ‘पीड़ा है कि जिन बालकों के हाथ में लैपटॉप, किताब, बैट होना चाहिए, मन में सपने होने चाहिए, उनके हाथ में पत्थर होते हैं। जो आजादी भारत को है, वो कश्मीर को भी है। हमें इसे स्वर्ग बनाना होगा।’ हमारा कश्मीर हिन्दुस्तान के लिए स्वर्ग है और हर हिन्दुस्तानी का सपना होता है कि एक ना एक बार कश्मीर जरूर जाना है। उनके मन में कश्मीर स्वर्गभूमि देखने की इच्छा रहती है।

लेकिन कश्मीर में बसे कुछ मुठ्ठीभर लोग लोगों को गुमराह करके हिन्दुस्तानियों का स्वर्गभूमि देखने की इच्छा को ठेस पहुंचा रहे हैं। जो भी कश्मीर घूमने के इच्छुक होते थे अब उनके मन में एक ये ही डर हमेशा बना रहता है कि कभी कोई आतंकी हमला न हो जाये। ऐसा लगता है कि आजादी मिलने के 69 साल बाद भी कश्मीर अब भी इन आतंकियों का गुलाम है ये जब चाहे तब बिना किसी डर के हमले कर देते हैं। इस पर मोदी जी ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के पीएम थे, उन्होंने जो मार्ग अपनाया था इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत का। उसी मार्ग पर चलने वाले हम लोग हैं और मैं कश्मीर के भाइयो— बहनों को आज चंद्रशेखर आजाद की महान भूमि से कहना चाहता हूं। देश के आजादी के दीवानों ने जो ताकत हिंदुस्तान को दी है। वही ताकत कश्मीर को दी है। हम कश्मीर को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। हम कश्मीर की हर पंचायत को ताकत देना चाहते हैं और कश्मीर के युवाओं को रोजगार देना चाहते हैं। मोदी जी ने कश्मीर में हुई हिंसा पर अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा कि जिन बालकों के हाथ में, जिन युवकों के हाथ में, जिन बच्चों के हाथ में लैपटॉप होना चाहिए। जिन बालकों के हाथ में क्रिकेट का बैट होना चाहिए, वॉलीबाल होना चाहिए। मैदानों में मस्ती का खेल होना चाहिए। हाथ में किताब होनी चाहिए। मन में सपने होने चाहिए। आज ऐसे निर्दोष बालकों के हाथ में पत्थर पकड़ा दिए जाते हैं। ऐसा करने से कुछ लोगों की राजनीति तो चल पाएगी। लेकिन मेरे भोले बालकों का क्या होगा? मेरे इन बच्चों का क्या होगा। इसके लिए इंसानियत, कश्मीरियत पर दाग नहीं लगने दिया जाएगा। लोगों को इंतजार है अपनी असली आजादी मिलने का जिस आजादी के लिए भारत के कई सपूतों ने अपने प्राणों की आहूति दी थी। देश के वीरों का बलिदान व्यर्थ ना जाये इसके लिए मोदी जी कोई कड़े कदम उठायें और देश से दहशतगर्दियों को निकाल फेंके ताकि हर हिन्दुस्तानी देश भर में बिना किसी डर के आजादी दिवस पूरी आजादी के साथ मना सकें।

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