प्रवीण दुबे
चुनाव के पूर्व और चुनाव के पश्चात सिर्फ शिवराज शिवराज और शिवराज मध्यप्रदेश में यदि लगातार तीसरी बार कमल खिला है तो इसका श्रेय यदि सीधे तौर पर किसी को जाता है तो वह हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान। मन में मध्यप्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने का सपना और इस स्वप्न को साकार करने के लिए रात-दिन कड़ी मेहनत तथा प्रदेश के प्रशासनिक अमले के बीच एक कप्तान की सफल भूमिका का निर्वहन, शिवराज ने यह कठिन कार्य कर दिखाया। इसी का परिणाम हमारे सामने है। मध्यप्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है और जनता का आशीर्वाद शिवराज को मिला है। वास्तव में शिवराज इसके हकदार थे, इसका संकेत तो उसी समय मिल गया था जब तमाम चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में मध्यप्रदेश में पुन: भाजपा सरकार बनाने की बात कही गई थी, लेकिन इस बात का अंदाजा तो शायद भाजपा शीर्ष नेतृत्व को भी नहीं था कि अनुमानों से भी कहीं प्रचंड जीत भाजपा को प्राप्त होगी। राजनीतिक विश्लेषकों की मानी जाए तो इस जीत के पीछे जहां विकास की बड़ी भूमिका रही है वहीं इससे भी ज्यादा शिवराज के व्यक्तित्व और कृतित्व का जादू चला है। शिवराज ने जबसे प्रदेश की कमान संभाली प्रत्येक वर्ग की परेशानी को समझा, परेशानियों को समाधान निकालने के लिए गजब का चिंतन-मनन किया और उसके बाद जो योजनाएं बनाईं उन्हें यथार्थ में बदलने के लिए जी-तोड़ मेहनत की। इस बात के लिए शिवराज के बुद्धि कौशल की भी जितनी सराहना की जाए कम है कि उन्होंने उच्च प्रशासनिक अमले का सफल मार्ग दर्शन भी किया।
आम जन के प्रति शिवराज की संवेदनशीलता का अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्होंने जो कल्याणकारी योजनाएं शुरु की उनमें प्रत्येक वर्ग का ध्यान रखा। महिलाएं हों, बेटियां हों, युवा वर्ग हो, कर्मचारी हों, बुजुर्ग हों, मजदूर हों, किसान हों सभी के लिए उन्होंने चिंतन मनन किया और उनके कल्याणार्थ योजनाएं शुरु कीं। बात यहीं समाप्त नहीं होती कृषि, बिजली, सड़क, पानी आदि के क्षेत्र में भी शिवराज ने खूब कार्य किया। महिलाओं, बेटियों के कल्याणार्थ शिवराज ने जो कुछ किया उससे बेटियों को बोझ मानने की मानसिकता में बदलाव आया। लाड़ली लक्ष्मी योजना में बेटी के जन्म से ही उसकी चिंता करने की सरकारी नीति और एक निर्धारित रकम उसके नाम से जमा करने की अनूठी कार्यशैली ने मध्यप्रदेश ही नहीं पूरे देश का ध्यानाकर्षित किया। छोटी-छोटी बच्चियों को गोद में उठाकर उनके मां-पिता को लाड़ली लक्ष्मी के चेक प्रदान करने की छवि प्रदेश की जनता के दिलों तक को स्पर्श कर गई।
यही स्थिति गरीब कन्याओं के हाथ पीले करने वाली कन्यादान योजना की रही। शिवराज ने जिले-जिले में गरीब कन्याओं के न केवल हाथ पीले करने में मदद की बल्कि सुखी वैवाहिक जीवन के लिए उपयोगी सामान भी प्रदान किया। जननी सुरक्षा योजना में प्रसूता ी की चिंता तथा स्कूली छात्राओं को साइकिल वितरण की योजनाएं भी महिला कल्याण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुईं। यही वजह रही कि प्रत्येक वर्ग की महिलाओं ने शिवराज के पक्ष में जमकर मतदान किया।
महिलाओं के अलावा शिवराज की सर्वाधिक लोकप्रियता का केन्द्र रहे हैं प्रदेश के ग्रामीण। ग्रामीणजनों के लिए शिवराज की छवि भगवान से कम नहीं रही है। कुछ साल पहले तक विकास की बाट जोह रहे मध्यप्रदेश के हजारों गांव अब विकास के नए आयाम छू रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज ने गांवों की तस्वीर और ग्रामीणों की तकदीर बदलने के मकसद से जो अनेक कल्याणकारी योजनाएं और कार्यक्रम शुरु किए, उनसे ग्रामीण अंचल की तरक्की के साथ-साथ ग्रामीणजनों की हालत में सुधार हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी का सफल इस्तेमाल हो, पंचायतों को पंचायत रूप में विकसित करना हो तथा संपर्क विहीन ग्रामों की तरक्की के लिए राज्य में चहुंओर बारहमासी सड़कों का निर्माण हो शिवराज ने इस पर पूरा ध्यान दिया। स्वच्छता, नालियों का निर्माण, नए पंचायत भवनों का निर्माण, ग्रामीण स्कूलों के निर्माण आदि ने गांव-गांव को खुशहाल बना दिया। बेघरों को मकान, बैंकिंग सुविधा का विकास, रोजगार मेलों, ग्रामीण आजीविका परियोजना, महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना, जलाभिषेक अभियान, स्पर्श अभियान, फसलों का वाजिब दाम, कृषि बीमा योजना आदि ने ग्रामीणों के बीच शिवराज की छवि अपनों जैसी बना दी। उनका उदार व्यक्तित्व किसानों के बीच हीरो जैसा बन गया। प्रदेश में बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाना और 24 घंटे बिजली प्रदान करने की अटल ज्योति योजना ने भी शिवराज की सफलता को और लोकप्रिय बनाया। मध्यप्रदेश सरकार ने बिजली समस्या के समाधान हेतु लगातार प्रयास किए। विगत 9 वर्ष में स्टेट सेक्टर में 3.162 मेगावॉट क्षमता वृद्धि की गई। पिछले कुछ माह में तो मध्यप्रदेश अतिरिक्त विद्युत उत्पादन करने में सफल रहा। प्रदेश जगमगा उठा और इस जगमग के लिए शिवराज श्रेय के पात्र बने। जन समस्याओं के समाधान के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश ने लोकसेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम लागू करके पूरे देश में तहलका मचाया और इसका सीधा लाभ जनता को मिलना शुरु हुआ। लोकसेवा गारंटी अधिनियम के लिए मध्यप्रदेश को 2012 में यू.एन. पब्लिक अवार्ड भी मिला तथा 8 राज्यों ने इसका अनुसरण किया। इस अधिनियम की सफलता ने शिवराज की छवि में चार चांद लगा दिए और प्रदेश की जनता के बीच यह संदेश पहुंचा कि जनता की समस्याओं का सरकार साफ सुथरा और समय रहते समाधान करने के पक्ष में है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम, समाधान ऑनलाइन, लोककल्याण शिविर, जन सुनवाई के माध्यम से भी सरकार जनता के निकट बनी रही जिसका लाभ चुनाव में प्राप्त हुआ।