आओ वैदिक दीप जलाएं   

-विमलेश बंसल ‘आर्या’

आओ वैदिक दीप जलाएं,
राष्ट्र धर्म कर्तव्य निभाएं|
स्व संस्कृति, स्वदेशी वस्तु,
स्व माटी, स्वाभिमान जगाएं|

करें सफाई घर आँगन की,
रोड गली नाली बागन की|
स्वच्छ हो भारत पेंग बढ़ाएं||
आओ…….
घर घर यज्ञ करें मिल दामन,
महकादें सबका घर आँगन|
हो उन्नति संकल्प कराएं||
आओ…….
देखें जा दुखियारी बस्ती,
उनके संग साथ हो मस्ती|
गले लगाएं व अपनाएं ||
आओ…….
चीनी लाइट सब बेकार,
घातक बहु करदे  बीमार|
पूर्ण राक्षसी जर्म मिटायें||
आओ…….
काया धन तेरस धन असली,
स्वास्थ्य सम्पदा ही तो हँसली|
ऋषि धन्वतंरि जयंती मनायें||
आओ…….
6 हो चतुर्दशी पर वध नरकासुर,
मिटे तमस हर ग्राम नगर पुर|
आतंकियों से राष्ट्र बचाएं   ||
आओ…….
अमावस्या को बड़ी दिवाली,
माटी दीप से करें उजियाली|
जगमग आलोकित  हो जाएँ||
आओ…….
गोवर्धन, संरक्षण, पोषण,
गौ की सेवा, गौ का पालन|
गौ माता के प्राण बचाएं||
आओ…….
भाई दूज पर गिफ्ट निराली,
हिन्दू बहिन बेटियाँ लाली|
की रक्षा कर राष्ट्र बढ़ाएं||
आओ…….
आओ ऐसी कहें कहानी,
बढे स्व संस्कृति परम सुहानी|
विमल प्रभु को शीश झुकाएं||
आओ…….

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