कुछ सवाल अरविन्द केजरीवाल से

      अरविन्द केजरीवाल यह हमेशा भूल जाते हैं कि जब आप एक ऊंगली दूसरे की ओर उठाते हैं, तो तीन ऊंगलियां अपने आप स्वयं की ओर उठ जाती हैं। आजकल उनके निशाने पर नरेन्द्र मोदी हैं। लेकिन क्या वे इन सवालों का उत्तर दे सकते है जिनकी अपेक्षा स्वच्छता और पारदर्शिता में विश्वास रखने वाला हर भारतीय करता है –

१. क्या ‘परिवर्तन’ और ‘कबीर’ नाम के एन.जी.ओ. उनके द्वारा संचालित नहीं होते हैं?

२. क्या ‘कबीर’ ने वर्ष २००५ में १७२००० डालर और वर्ष २००६ में १९७००० डालर अमेरिकी व्यवसायी फ़ोर्ड से प्राप्त नहीं किये?

३. क्या वर्ष २०१० में फ़ोर्ड से ही उन्होंने २००००० डालर नहीं वसूले?

३. क्या फ़ोर्ड एक चतुर व्यवसायी नहीं है? उसने इतने डालर केजरीवाल को क्यों दिए?

४. क्या दूसरे देशों की सरकार को अस्थिर करने और अराजकता फैलाने वाले अमेरिकी एन.जी.ओ. ‘आवाज़’ से केजरीवाल के संगठन के अन्तरंग सम्बन्ध नहीं हैं?

५. क्या लीबिया, मिस्र और सीरिया में गृहयुद्ध कराकर अराजकता के माध्यम से सत्ता परिवर्तन कराने के लिये ‘आवाज़’ जिम्मेदार नहीं है?

६. क्या अमेरिकी सरकार के इशारे पर फ़ोर्ड समेत सारे पूंजीपति ‘आवाज़’, जिसका बज़ट हिन्दुस्तान के आम बजट से

ज्यादा है, को आर्थिक मदद नहीं करते हैं?

७. क्या यहुदी-अमेरिकी खूबसूरत युवती शिमिरित ली से केजरीवाल के  संबन्ध नहीं हैं?

८. क्या शिमिरित ‘आवाज़’ और सी.आई.ए. की एजेन्ट नहीं है?

९. क्या शिमिरित ने केजरीवाल और सिसोदिया की संस्था ‘कबीर’ से जुड़कर चार महीने तक अन्ना आन्दोलन में सक्रिय योगदान नहीं किया?

१०. क्या कुख्यात अमेरिकी संस्था ‘आवाज़’ के आदेश पर शिमिरित ने मिस्र जाकर अराजक आन्दोलन के माध्यम से सत्ता परिवर्तन में हिस्सेदारी नहीं की?

११. क्या सन २००५ में कपिल सिब्बल के एजेन्ट स्वामी अग्निवेश ने सोनिया गांधी के राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का सदस्य बनवाने के लिये केजरीवाल की लाबिंग नहीं की?

१२. क्या केजरीवाल का स्थानान्तरण दिल्ली के बाहर न करने के लिये सोनिया गांधी ने सिफ़ारिश नहीं की?

१३. क्या अरविन्द केजरीवाल की बैचमेट पत्नी सुनीता केजरीवाल पिछले २० वर्षों से आयकर आयुक्त/उपायुक्त के पद पर दिल्ली में ही पदस्थापित नहीं हैं।

१४. क्या उनका स्थानान्तरण नहीं होना सोनिया गांधी की सिफ़ारिश का नतीजा नहीं है?

१५. क्या केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनते ही अपने लिये १० बीएचके का मकान पसन्द नहीं किया था?

१६. क्या उस १० बीएचके के मकान के नवीनीकरण में दिल्ली की सरकार/जनता के २० लाख रुपए खर्च नहीं हुए, जो बेकार चले गए?

१७. क्या आम आदमी के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की सुरक्षा में यूपी और दिल्ली की सरकारों ने ४९ दिनों में २ करोड़ से ज्यादा खर्च नहीं किये?

१८. क्या केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी गाड़ियों और सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं किया?

१९. क्या लालू, मुलायम, मायावती, वाड्रा, राहुल, सोनिया, चिदम्बरम, ए.राजा…….. दूध के धुले हैं? यदि नहीं तो सोनिया गांधी का नाम अरविन्द की ज़ुबान पर क्यों नहीं आता?

२०. क्या कुख्यात नक्सलवादी विनायक सेन देशद्रोही नहीं है? उसपर चुप्पी का क्या रहस्य है?

२१.  कश्मीर को पाकिस्तान को देने की मांग करनेवाला शान्ति भूषण वकील क्या  पाकिस्तान का एजेन्ट नहीं है?

२२. बिजली का बिल हाफ़ करने की घोषणा के बाद ४९ दिनों के कार्यकाल में फ़ंड अवमुक्त किये बिना इस्तीफ़ा दे देना दिल्ली की जनता के साथ विश्वासघात नहीं है?

२३. क्या दिल्ली की जनता को अब बिजली का पूरा बकाया सरचार्ज के साथ के साथ नहीं देना पड़ेगा?

२४. क्या पांच सद्स्यों वाला परिवार एक दिन में कम से कम एक हज़ार लीटर पानी की खपत नहीं करता है? यदि हां, तो बीस हज़ार लीटर प्रति माह प्रति परिवार मुफ़्त पानी की घोषणा एक छलावा नहीं थी?

२५. अपनी की गई घोषणओं के क्रियान्यवन को सुनिश्चित किये बिना बहाना बनाकर त्यागपत्र दे देना, क्या जनता के साथ धोखा नहीं है?

२६. क्या यह सच नहीं है कि केजरीवाल एक भगोड़ा हैं?

२७. क्या केजरीवाल हमेशा जिम्मेदारी से भागते नहीं हैं?

२८. क्या यह सच नहीं है कि वे हमेशा दूसरों को गाली देने के अलावे कोई दूसरा काम नहीं कर सकते?

२९. क्या यह सच नहीं है कि उन्होंने भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस और सोनिया गांधी की मदद से दिल्ली की सत्ता हासिल की?

३०.क्या यह सच नहीं है कि उन्होंने महान सन्त अन्ना हजारे को धोखा नहीं दिया?

३१. क्या यह सत्य नहीं है कि वे सोनिया गांधी के इशारे पर नरेन्द्र मोदी की राह में रोड़े बिछा रहे हैं?

दो हजार वर्ष पूर्व प्लेटो ने सुकरात से पूछा था कि एथेन्स का सबसे बड़ा संकट क्या है? सुकरात का उत्तर था – शब्दों का अन्धाधुन्ध प्रयोग? बोलने के लिये सिर्फ़ वाणी की आवश्यकता होती है। सत्य बोलने के लिये वाणी और विवेक, दोनों की आवश्यकता होती है।

4 COMMENTS

  1. Arvind Kejariwal is destabilising the country with foreign hand and massive financial aid from American organisations which must be investigated and if found irregularities then all must be punished to save India.

  2. यहाँ बहुत से प्रश्न पूछे गए हैं,जिनका उत्तर देना या न देना अरविन्द केजरीवाल पर निर्भर करता है,पर ३१वे प्रश्न के उत्तर में यह पूछना चाहूंगा कि नमो समर्थक आखिर क्या चाहते हैं? क्या कोई नमो के विरुद्ध न बोले या अगर कोई बोले तो उसे सोनिया के कहने पर बोलने वाला समझा जाये?एक बात मैं साफ़ साफ बता देना चाहता हूँ कि मैं नमो का समर्थन नहीं करता और मेरे विचार से कोई भी जो नमो को समझने में समर्थ हो जाएगा ,वह उनका समर्थन नहीं करेगा. मेरे विचार से नमो एकतन्त्रवाद या डिक्टेटर शिप में विश्वास करते हैं. अगर सचमुच नमो के हाथों भारत की सत्ता आ गयी ,तो नमो चालीसा शुरू होने में एक क्षण की भी देर नहीं लगेगी.शायद वह बनकर तैयार भी हो.उसके बाद वह घर घर में बाँटा जाएगा और लोग बाध्य किये जायेंगे उसका नियमित पाठ करने के लिए.,नमो का गुजरात का रेकार्ड तो यही है न कि राज्य कर्ज के बोझ से दबा हुआ है.बच्चियां कुपोषण की शिकार हैं.भ्रष्टाचार दूर करने के नाम पर पंगु लोकायुक्त और दागदार मंत्रियों को कैबिनेट में जगह नमो की उपलब्धियों में से है.

    • Your leader and you people have delivered much more abusive for BJP and Namo . Pl. Tell something regarding your queen and shahazada also. Lastly I have to add that AK is simply a pawn of Ford and America.

  3. arvind kejrival ji itnai kartavnishd & deshpremi hai ki “ek bar election mai vote dalna hi bhul gai, than kuch patarkaro nai inko airport per yad dilaya, than vapis aye or vote dali” ! dekha kitnai mahan yai nai “neta ji ” ??????????????????????????????

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