देश में बढती तेजाब की घटनाएं एक संगीन अपराध – जिम्मेवार कौन ? नरेन्द्र भारती

0
171

acidदेश में जिस प्रकार महिलाओं व लड़कियों पर तेजाब फैंकने की घटनाएं बढ़ रही हैं बेहद चिन्ताजनक है। महामहिम राष्ट्रपति द्वारा एंटी रेप बिल पर मुहर लगाने से एक दिन पूर्व 2 अप्रैल 2013 को पश्चिमी उतरप्रदेश के शामली जिले में दो युवकों द्वारा चार सगी बहनों पर पिचकारी से तेजाब फैंकने की दर्दनाक घटना घटित हुई है ।पेशे से शिक्षक चारों सगी बहनें बोर्ड की ड्यूटी करके घर लौट रही थी तभी रास्ते में मोटरसाईकिल सवार दो युवकों नें उन पर तेजाब फैंक दिया जिससे एक युवती गंभीर रूप से झुलस गई ऐसी ही घटना में छतीसगढ में एक अज्ञात युवक द्वारा चार नाबालिग बहनों पर तेजाब फैक दिया जिससे वे बुरी तरह झुलस गई थी ।महाराष्ट्र में भी एक अज्ञात युवक ने एक पत्रकार व उसके परिवार के सदस्यों पर तेजाब फैंक कर घायल कर दिया था। इन घटनाओं ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर दिया है कि अपराधी आज भी निडरता से तेजाब जैसे बर्बर हमले कर रहे हैं । एंटी रेप विधेयक मे तेजाबी हमला करने वालों को दस साल की सजा का प्रावधान किया गया है । हिमाचल प्रदेश के मण्डी में भी मुज्फरनगर के एक युवक ने बस में सवार एक लड़की पर तेजाब फैंक कर बुरी तरह घायल कर दिया था । तेजाब के छींटों से बस में बैठी अन्य सवारियां भी झुलस गई थी। इस हादसे में लड़की की दोनों आखों की रोशनी खत्म हो गई थी । शिमला में भी एक युवक ने एक युवती पर तेजाब फैंका था जिससे उसका चेहरा बुरी तरह जल गया था। उतराखंड के देहरादून में भी एक कालेज छा़त्रा पर एक युवक ने मुंह पर तेजाब फैक कर जला दिया था।पंजाब कें बठिंडा में भी एक 24 वर्षीय लड़की पर तेजाब फैंक कर बुरी तरह से चेहरा जला दिया था उसका 31 जनवरी 2010 से आज तक इलाज चल रहा है अब तक उसकी 13 सर्जरियां हो चुकी है। 22 अप्रैल 2003 को झारखंड में बदमाशों ने एक लड़की पर तेजाब फैंक कर घायल कर दिया 19 दिसंबर 2004 को दिल्ली में भी एक लड़की की सहेली के भाई ने युवती पर तेजाब फैंक कर घायल किया था इसमें उसकी आखें खो गई थी, वर्ष 2004 में बटाला में प्रेम में नाकाम एक युवक ने कथित प्रेमिका की शादी नजदीक आते देखकर इतना हताश हुआ कि प्रेमिका व उसकी बहन के चेहरे पर तेजाब फैंक दिया जिससे दोनो बहनों के चेहरे बुरी तरह झुलस गये थे। इसमे एक 50 प्रतिशत तो दूसरी 60 प्रतिशत जल गई थी । आखों को भी क्षति पहुची थी। यह हादसा उस समय हुआ जब दोनो बहनें रिक्शा से बाजार जा रही थी। 15 नवंबर 2008 को बुलन्दशहर में भी एक युवक ने घर में काम कर रही युवती पर तेजाब फैंका और भाग गया और बाद में उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी । 11 अगस्त 2009 को गाजियाबाद में भी एक शिक्षिका पर एक युवक ने तेजाब फैंका था जिसमें युवती की एक आंख बुरी तरह जल गई थी । आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 1999 से लेकर अब तक ऐसी 3000 घटनाएं हो चुकी हैं तेजाब फैंके जाने की कुत्सित मानसिकता भारत में ही नहीं बंगला देश और कम्बोडिया में ऐसी घटनाएं बड़े पैमाने पर होती हैं। भारत में जनवरी 2002 से अक्तूबर 2010 तक कुल 153 ऐसी घटनाऐं घटित हो चुकी हैं ।कम्बोडिया में वर्ष 1985 से 2010 तक 271 घटनाएं दर्ज की गई हैं।अक्सर देख गया है कि पारिवारिक दुश्मनी व नफरत, प्रेम में असफल रहने पर कुछ पागल प्रेमी हताशा में ऐसी जघन्य वारदातों को अंजाम देते हैं। तेजाब से जलाई गई लड़कियों को नरक की जिन्दगी भुगतनी पडती है और ताउम्र दंश झेलना पडता है । उनका जीवन बर्बाद हो जाता है । ऐसे लोग बीमार मानसिकता से ग्रस्त होते हैं जो ऐसी रौंगटे खड़े करने वाली हरकतें करते हैं । तेजाब की घटनाओं की फेहरिस्त लम्बी होती जा रही है । मीडिया की सक्रियता से ही ऐसे मामले उजागर होते हैं पहले दबाब व लोकलाज के कारण ऐसे मामले दब जाते थे । प्रशासन भी घटना के समय सक्रिय हो जाता है उसके बाद वही परिपाटी शुरू हो जाती है । प्रशासन को चाहिए कि तेजाब पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया जाए । इसका उपयोग करने वालों के लाईसैंस बनाने चाहिए, खुले रूप में बिक्री बंद करनी चाहिए । सरकार को भी इसका व्यापार करने वालों को निर्देश देने चाहिए कि जो भी तेजाब खरीद रहा है उसका पूरा नाम पता व पहचान की जाए ताकि ऐसी घटना होने पर शिकंजा कसा जा सके । ऐसी घटनाएं समाज में जीवन मूल्यों के पतन की पराकाष्ठा है या फिर कानून व्यवस्था का भय खत्म हो चुका है । तेजाब की बढ़ती घटनाओं से प्रत्येक महिला खौफजदा है । गाहे-बगाहे देश में ऐसे वीभस्त मामले विचलित करते रहते हैं। ऐसे में सवाल यह उठना लाजिमी है कि इन पर रोक क्यों नहीं लग पा रही है। समाज में घटित इन हादसों से एक भयानकता की तस्वीर दिख रही है । यह बहुत ही दिल दहला देने वाले हादसे हैं जिन से समाज में डर पैदा हो रहा है । समाज के बुद्विजीवी लोगों को इस पर चितंन करना होगा तथा ऐसे विक्षिप्त मानसिकता वाले असमसजिक तत्वों पर समय रहते कार्यवाही करनी होगी । अन्यथा हालात बेकाबू होते दिख रहे है।ऐसे अराजक प्रवृति के दरिदों व हैवानों को उम्रकैद की सजा देनी चाहिए। ताकि आने वाले समय में ऐसी वारदातों पर विराम लग सके तथा महिलाएं बेखौफ होकर हर जगह आवाजाही कर सके । पुलिस को भी ऐसे पागल लोगों पर लगाम कसनी चाहिए। चैराहों व भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर पुलिस का पहरा होना चाहिए । सादी वर्दी में भी पुलिस तैनात करनी चाहिए । ताकि महिलाएं सुरक्षित रह सके । यदि अब भी इसमें लापरवाही बरती तो तेजाब कांड होते रहेगें ।प्रशासन को अपनी कुम्भकरणी नींद तोडनी होगी ।ऐसे लोगों को सबक सिखाना होगा । इन्हे मृत्युदंड की सजा भी कम है । सरकार को तेजाब पीड़िता का पूरा इलाज करवाना चाहिए । आखों का आपरेशन का प्रावधान करवाना चाहिए । सर्जरी बगैरा का खर्चा भी देना चाहिए। अपराधियों पर कानूनी धाराएं लगानी चाहिए । ताकि ऐसे हादसे रूक सकें । और मां,बहन ,बेटियां सुरक्षित हो सकें।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here