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आज के समाज़वाद में ‘लोहिया‘ के नाम की सिर्फ दुहाई है - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
चंद दिनों पहले २३ मार्च को हरेक साल की भांति एक बार फिर लोहिया - जयन्ती की रस्म-अदायगी पूरे देश में भाषणों और माल्यर्पणों के दौर के साथ संपन्न हुई l आज डॉ . लोहिया की प्रासंगिकता सिर्फ आयोजनों व् व्याख्यानों तक ही सीमित है l डॉ. लोहिया के सिद्धांतों को अमलीजामा पहनाने का…