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पचास के उस पार - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-बीनू भटनागर- माना कि यौवन के वो पल, खो गये कुछ उलझनों में, मैं वही हूं तुम वही हो, फिर न क्यों जी लें कभी, उन्माद के वो क्षण। तुम मेंरे हो शांत सागर लक्ष्य मेंरा , मैं नदी बहती हुई तुमसे मिली थी, बांहे फैला दो मै तो अब…