अफगानिस्तान का अगला राष्ट्रपति!

-फखरे आलम-
afghanistan

भारतीय उपमहाद्वीप में दूर-दूर तक शान्ति और सद्भावना की संभावना दिखाई नहीं पड़ रही है। उपमहाद्वीप में लड़ाई का मैदान अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान में स्थांतरित हो गया है। भारत और चीन ने अपने अपने सीमाओं की समीक्षा तो की ही है, साथ में अपने विदेश नीतियों की भी समीक्षा की है। रूस की राजनीति स्थिति ने करवट ली है। उपमहाद्वीप का प्रत्येक देश अपने-अपने सामरिक महत्त्व ओर अपने सुरक्षा एवं समृद्धि को नज़र में रखते हुऐ नए-नए समीकरण बना रहा है, क्योंकि दिन-प्रति-दिन इन्हें नई-नई चुनौतीयों का सामना करना पड़ रहा है। अफगानिस्तान में सम्पन्न राष्ट्रपति चुनाव आशाओं के विपरीत शान्तिपूर्वक सम्पन्न हुए और इस चुनाव में अमेरिका और करजई के घोर विरोधी हिज्ब-ए-इस्लामी संगठनों ने भाग लिया है। चुनाव के प्रथम चरण के परिणाम की घोषणा भी चुनाव अधिकारियों के द्वारा की गई है। जिसका परिणाम चौका देने वाला रहा है। अफगान चुनाव आयोग की घोषणाओं के आधर पर प्रथम चरण में कुल 68,92,816 अफगान नागरिकों ने अपने मतों का प्रयोग किया जिसमें कुल 66,17,666 मतों को आयोग ने सही और वैध माना है। प्रथम चरण में डॉ. अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह को 33.9 प्रतिशत, डॉ. अशरफ गनी को 31.5 प्रतिशत, कुतबूद्दीन बेलाल को 2.7 प्रतिशत एवं शफीक गुल आगा को मात्रा 1.6 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं। प्रथम चरण का परिणाम स्पष्ट करता है कि अगला चरण उब्दुल्ला अब्दुल्लाह और अशरफ गनी के मध्य मुख्य मुकाबला रहेगा और अफगानिस्तान का अगला राष्ट्रपति भी इन्हीं दोनों में से कोई एक होगा। अशरफ ने बहुत ही कम समय में अफगान जनताओं के मध्य अच्छी पकड़ बना ली है। जबकि वर्तमान राष्ट्रपति हामिद करजाई का प्रस्तावित उम्मीदवार जुमले रसूल जिसे मात्रा 11 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं, जो हामिद करजाई की गिरती लोकप्रियता का दर्शाता ग्राफ है। मगर जानकार हामिद करजई के प्रमुख उत्तराधिकारी के रूप में अशरफ को मानते हैं। जानकारों का यह भी मानना है कि विश्व बिरादरी और अमेरिका ने चुनाव के प्रथम चरण के परिणाम से वर्तमान राष्ट्रपति करजई को परास्त कर दिया है। अशरफ की अफगान जनताओं के मध्य काम करने की शैली और हामिद करजई की असपफल सरकार के परिणाम के रूप में भी हम प्रथम चरण के परिणाम को देख सकते हैं।

चुनाव के अन्तिम समय तक हामिद करजई अपना उम्मीदवार नहीं उतार सके थे। प्रथम करजई के भाई कैयूम करजई को चुनाव मैदान में उतारने की सूचना आ रही थी, मगर करजई ने अंतिम समय में अपने फैसले बदल दिए। करजई ने अपने अधीन सरकार में मंत्री रहे अनेकों उम्मीदवारों को गुमराह किया और उन्हें संभावित उम्मीदवारी की झूठी दिलासा देते रहे।

जुमले रसुल को पख़तुन उम्मीदवारों के रूप में देखा जाता रहा, जो पशतो नहीं बोल सकता है। वह एक बुद्धिजीवि और शिक्षित वर्ग से आते हैं जो जनता को संबोधित करने के लिखे लिखाए भाषणों पर गुजारा करते हैं। यही कारण सर्वोपरी रहा कि अब्दुल्ला और अशरफ की तुलना में रसुल का चुनावी अभियान फिका रहा। डॉ. अशरफ गनी ने पिछली चुनाव में हार से सबक लिया और पिछले चुनाव से ही वर्तमान चुनाव की तैयारियों में लगे रहे हैं। डॉ. अशरफ गनी अमेरिकन विश्वविद्यालय में शिक्षक रहे हैं, जिसका लाभ उन्हें अमेरिका की और से प्राप्त होता आया है। अफगानिस्तान में अमेरिकन व्यवस्था की देखरेख में लगे लोग डॉ. अशरफ गनी को समझते और जानते हैं। साथ ही अपने पड़ोसी देशों के साथ भी डॉ. का राजनीति और कूटनीति रवैया संतुलित रहा है। राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने से पूर्व वह नेटो सैनिकों से अफगान प्रशासन को सत्ता हस्तानान्तरण के वह प्रभारी भी रहे हैं। सत्ता के इस हस्तान्तरण प्रक्रिया में उनका सम्बन्ध नेटो सदस्य देशों से अच्छे रहे। अपने देश में भी और देश से बाहर उनका व्यक्तिगत सम्पर्क अच्छा बना। अफगानिस्तान के उत्तरी प्रान्त में लगभग 6 राज्यों में प्रभाव रखने वाले अब्दुल रशीद दोस्तम को अपना उपराष्ट्रपति घोषित कर के उन्होंने उजबेको का राजनीति समर्थन प्राप्त कर लिया है। पीर गीलानी की पार्टी का भी उन्हें समर्थन प्राप्त है। हजारा के खलीली और इस्माइल भी उनके साथ है। चुनाव के मध्य उन्होंने अन्तराष्ट्रीय कम्पनियों और सोशल मीडिया के प्रयोग के साथ उनका चुनाव अत्याधुनिक रहा।
अब्दुल्ला को भारत समर्थित राजनेता माना जाता है, जिन्हें सबसे अधिक मत का प्रतिशत प्राप्त हुआ है और उन्हें अन्य चरणों में परास्त करना इतना भी सहज नहीं होगा। दूसरे चरण का मतदान बाकी के 25 प्रतिशत मतदान पर आधरित होगा जो दोनों में से किसी एक के भाग्य का फैसला करेगा। प्रथम चरण के मतदान प्रक्रिया में न तो अमेरिका ने हस्तक्षेप किया है और न ही अपफगान के पड़ोसी देशों ने! मगर चुनाव का दूसरा चरण महत्वपूर्ण और निर्णायक होगा जिसमें मध्य एशिया, ईरान सहित वर्तमान राष्ट्रपति हामिद करजाई का झुकाव डॉ. अशरफ की ओर रहने की अधिक से अधिक संभावना है।

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