pravakta.com
पूर्ण विलय के पश्चात जनमत संग्रह का औचित्य? - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-पवन कुमार अरविंद जम्मू-कश्मीर में आत्मनिर्णय या जनमत संग्रह कराने की मांग का कहीं कोई औचित्य नहीं है। ये मांगें किसी भी प्रकार से न तो संवैधानिक हैं और न ही मानवाधिकार की परिधि में ही कहे जाएंगे। अलगाववादियों द्वारा इस विषय को मानवाधिकार से जोड़ना केवल एक नाटक भर…