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अग्निहोत्र यज्ञ से अनेक लाभ व इसके कुछ पक्षों पर विचार - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मनमोहन कुमार आर्य प्रतिदिन प्रातः व सायं अग्निहोत्र करने का विधान वेदों में है। वेद के इन मन्त्रों को महर्षि दयानन्द ने अपनी पंचमहायज्ञ विधि में प्रस्तुत किया है। यहीं से यज्ञ व अग्निहोत्र परम्परा का आरम्भ हुआ। वेद के मन्त्र ‘ओ३म् समिधाग्निं दुवस्यत घृतैर्बोधयतातिथिम्। आस्मिन् हव्या जुहोतन स्वाहा।। इदमग्नयेे-इदन्न…