अखिलेश यादव ने राजकिशोर सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया

rajkishore-singhडा. राधेश्याम द्विवेदी
बाहुबली मंत्री:- राजकिशोर सिंह,भारत के उत्तर प्रदेश की सोलहवीं विधानसभा सभा में विधायक हैं। 2012 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश की हर्रैया विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र (निर्वाचन संख्या-307)से चुनाव जीता है । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल में उन्हें पंचायती राज मंत्री का पद दिया है। बाहुबली राजकिशारे सिंह के इशारे पर जिला चलता था। सपा में मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव व सीएम अखिलेश यादव से भी राजकिशोर सिंह के अच्छे रिश्ते थे। गोरखपुर संसदीय क्षेत्र के हर्रैया के विधायक राजकिशोर सिंह का कई घोटालों में नाम आया था। सपा सरकार ने राजकिशोर सिंह को लघु सिंचाई और पशुधनमंत्री पद से बर्खास्त कर तगड़ा झटका दिया है। गोरखपुर की प्रशासनिक मशीनरी में राजकिशोर सिंह की अच्छी दखल है। राजकिशोर की मर्जी के बिना वहां पर पत्ता नहीं हिल सकता है। राजकिशोर सिंह ने ही एमएलसी के दो टिकट अपने लोगों के दिलवाये थे और उन्हें जीता कर भी दिखाया।
अखिलेश का आक्रामक मूड:-उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज काफी आक्रामक मूड में है और उन्होंने महज एक घंटे के भीतर दो कैबिनेट मंत्रियों को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया है। मुख्यमंत्री ने आज खनन मंत्री और मुलायम सिंह यादव के करीबी गायत्री प्रजापति और पंचायती राज मंत्री राजकिशोर सिंह को बर्खास्त कर दिया। पहले भूतत्व एवं खनन मंत्री गायत्री प्रजापति फिर पंचायती राज मंत्री राजकिशोर सिंह को मुख्यमंत्री ने बर्खास्त कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट मंत्री राजकिशोर सिंह को बस्ती में अवैध रूप से भूमि कब्जा करने के आरोप में बर्खास्त किया गया है। इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अवैध रूप से भूमि पर कब्जा करने के मामले में सरकार तथा कार्यकर्ताओं को फटकार लगायी थी । पंचायती राज के साथ ही राजकिशोर से लघु सिंचाई विभाग भी छीन लिया गया है। राज किशोर को बर्खास्त किए जाने के लिए अखिलेश यादव ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। राज किशोर पर भ्रष्टाचार व जमीन हड़पने के कई आरोप हैं, जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज किशोर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का फैसला लिया है।
पार्टी की क्षवि सुधारने की पहल :-सूत्रों का कहना है कि अभी अखिलेश और मंत्रियों को भी बर्खास्त कर सकते हैं। प्रजापति पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं। अखिलेश यादव के इस कदम को सरकार की छवि बेहतर बनाने का एक प्रयास माना जा रहा है। माना जा रहा है मौजूदा सरकार के आखिरी महीनों में अखिलेश यादव ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। वह कोशिश कर रहे हैं कि सरकार पर किसी भी तरह का दाग नहीं रहे और साफ छवि के साथ आगामी चुनावों में जाए। पिछले दिनों भाजपा ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से यह मांग की थी कि वह खनन गतिविधियों को पूर्ण संरक्षण देने वाले भ्रष्टाचार में लिप्त खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को तत्काल बर्खास्त करे। गौरतलब है कि गायत्री प्रजापति पर अवैध खनन में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगता रहा है। पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश को वापस लेने की अर्जी को खारिज कर दिया था। अब चूंकि अखिलेश यादव ने गायत्री प्रजापति को बर्खास्त कर दिया है, इसलिए वे सीबीआई जांच के घेरे में आ गये हैं। सूत्रों का कहना है कि अखिलेश उन्हें पहले ही हटाना चाहते थे, लेकिन मुलायम के साथ नजदीकियों के कारण उन्हें हटाया नहीं जा सका था। अब अखिलेश यादव चुनाव के वक्त पार्टी की छवि पर दाग नहीं लगाना चाहते हैं इसलिए उन्होंने आज यह कदम उठाया। वहीं, राजकिशोर पर पंचायत राज विभाग में संविदा कर्मियो की नियुक्ति को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। निजी एजेंसीयो के जरिये होने वाली नियुक्तियों में एजेंसिया खुलकर पैसे की डिमांड की जा रही थी। हालांकि बाद में भर्तियां निरस्त कर दी गयी थी। विधानसभा चुनावों में जाने से पहले सीएम अखिलेश यादव पार्टी की क्षवि सुधारने में बड़ी पहल की है। अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने दो मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है। पार्टी की छवि को सुधारने में लगे ने मुख्यमंत्री सोमवार अंतत स्वीकार कर लिया कि उनकें पंचायती राज्मंत्री राजकिशोर सिंह भ्रष्टाचार में लिप्त थें। इसके साथ ही अवैध खनन के आरोपों से घिरे मंत्री गायत्री प्रजापति को भी बर्खास्त कर दिया गया। मुख्यमंत्री को काफी समय से राजकिशोर के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हो रहीं थीं। सरकार के कई मंत्री ही राजकिशोर की शिकायत लेकर मुख्यमंत्री से मिल चुकें थें। राजकिशोर सिंह को जमीन हड़पने और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते बर्खास्त किया गया है। दोनो मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यपाल को चिट्ठी भेज दी है। सीएम अखिलेश ने सुशासन का संदेश देते हुए सरकार के दो मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। अपने मंत्रियो पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर अखिलेश यादव ने सख्त रवैया अपनाया है। सपा में अच्छी पकड़ रखने वाले राजकिशोर सिंह की पार्टी से बर्खास्तगी की सूचना आते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। राजकिशोर सिंह के विरोधी खेमे के लोगों में खुशी की लहर है तो राजकिशोर सिंह के समर्थकों को साप सूंघ गया है।
पीएम मोदी के इशारे पर हुई बर्खास्तगी:-सपा से जुड़े सूत्रों की माने तो पीएम मोदी के इशारे पर ही राजकिशोर सिंह की बर्खास्तगी की गयी है। राजकिशोर सिंह का नई दिल्ली में भवस्वा भूमि घोटाले में नाम आने की चर्चा है। दिल्ली के एलजी नसीब जंग ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है। सूत्रों की माने तो दिल्ली शहरी बोर्ड के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया था लेकिन इसमे खेल कर इसे निजी क्षेत्र को सौंप दिया गया था। इस मामले में दिल्ली के कई अधिकारियों पर भी गाज गिरी थी और मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गयी है। गोरखपुर में इस बात की काफी चर्चा है कि इस घोटाले में राजकिशोर सिंह की भी भूमिका थी और नाम आने के बाद केन्द्र सरकार के इशारे पर कार्रवाई हुई है।
सपा को होगा नुकसान या फायदा:-सपा ने जिस तरह से दो मंत्री राजकिशोर सिंह व गायत्री प्रजापति को मंत्री पद से बर्खास्त किया है उससे सपा को नुकसान होगा या फिर चुनाव में लाभ। इसी बात की बहस छिड़ गयी है। चुनाव से पहले यह साबित हो गया है कि सपा सरकार के मंत्री घोटाले में शामिल थे या फिर यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है जो भी दागी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

1 COMMENT

  1. पांच साल तक लूटने के बाद अब लोगों की नजर में अच्छा बन ने के लिए अखिलेश अब ज्जनता को मूर्ख बना रहे हैं , यह मात्र eyewash है और कुछ नहीं ,

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