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एक आफिस ऐसा भी (भाग-2) - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-रवि विनोद श्रीवास्तव- आप ने पहले भाग में पढ़ा था कि आफिस की तरक्की कैसे हुई? कर्मचारी के साथ बॉस का हाव- भाव अलग था। हर तरफ गुट बन चुके थे। और आखिरी में सब खत्म हो गया था। कुछ लोग बचे थे। जो अपनी जीविका चला रहे थे। या कहो अपना…