……और फिर तुम्हारी याद !

……और फिर तुम्हारी याद !

एक छोटा सा धुप का टुकड़ा

अचानक ही फटा हुआ आकाश

बेहिसाब बरसती बारिश की कुछ बूंदे

और तुम्हारे जिस्म की सोंघी सुगंध

……और फिर तुम्हारी याद !

 

 

उजले चाँद की बैचेनी

अनजान तारो की जगमगाहट

बहती नदी का रुकना

और रुके हुए जीवन का बहना

……और फिर तुम्हारी याद !

 

 

टूटे हुए खपरैल के घर

राह देखती कच्ची सड़क

टुटा हुआ एक पुराना मंदिर

और रूठा हुआ कोई देवता

……और फिर तुम्हारी याद !

 

 

आज एक नाम खुदा का

और आज एक नाम तेरा

आज एक नाम मेरा भी

और फिर एक नाम इश्क का

……और फिर तुम्हारी याद !

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