अनिल ने केंद्र से कहा बेगाने की शादी में अब्दुल्ला दीवाना

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jegrDbegefeअनिल अंबानी की कंपनी, आरएनआरएल ने शुक्रवार को मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ अपने गैस विवाद पर सरकार की याचिका को खारिज करने की मांग की है।और कहा है , सरकार इस मुद्दे पर किसी फैसले की मांग नहीं कर सकती है।हाँ, सरकार इस मुद्दे पर अपनी राय दे सकती है।

सरकार की विशेष अनुमति याचिका के जवाब में दाखिल अपने हलफनामे में आरएनआरएल ने कहा है कि, ‘उन बातों को फिर से (सरकार द्वारा) शामिल किए जाने की कोशिश की जा रही है, जिन्हें बंबई हाईकोर्ट में हटा लिया गया था। इस बात की इजाजत कतई नहीं दी जा सकती हैं।’

सरकार की इस याचिका पर दूसरे मुद्दों के साथ 20 अक्टूबर को सुनवाई होनी है जिसमें सरकार ने केजी बेसिन के डी-6 ब्लॉक की गैस पर अपना दावा ठोका था। कंपनी के मुताबिक इसीलिए यह याचिका गलत आधार पर टिकी है और इसे खारिज कर दिया जाना चाहिए।

सरकार ने इस महीने की शुरुआत में अपनी याचिका में बदलाव करते हुए अदालत से आरआईएल के आरएनआरएल और एनटीपीसी के साथ चल रहे विवादों को अलग-अलग मानने की अपील की थी। आरआईएल व आरएनआरएल ने 15 जून को बंबई हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी . इससे पूर्व हाईकोर्ट ने अपने फैसले में आरआईएल को 28 एमएमएससी-एमडी गैस 2.34 डॉलर प्रति एमबीटीयू के भाव से मुहैया करवाने कहा था।

बहरहाल , मामले की सुनवाई के बाद नतीजों का इन्तेजार है परन्तु पूरे विवाद में केंद्र और मीडिया दोनों की भूमिका पर सवाल खड़े होते हैं . राष्ट्रीय संपत्ति से जुड़े इतने बड़े मुद्दे को सरकार आँख मूंद देखती रही तो वहीँ मीडिया इसे ऐसे पेश करती रही जैसे दो भाइयों का घरेलु विवाद है . इस प्रकरण में तो केंद्र के ऊपर  25,000 करोड़ रुपए बिना किसी बात के रिलायंस की झोली में डालने का आरोप है .

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