अन्ना जीरो केजरीवाल हीरो…..

जब से अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम मे भाजपा को भी शामिल किया तथा अपनी खुद की पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है, उनके विरोधियों की संख्या मे बेतहासा वृद्धि हो रही है, यहाँ तक की उनके वरिष्ठतम सहयोगी श्रीमान अन्ना हज़ारे साहब ने भी उनसे दूरी बना ली है, जो वाकई मे दुखद है और अन्ना समर्थको के लिए भी एक धक्का है जो धूप बारिश की परवाह किए बगैर तथा उनकी कमियों को नजरंदाज करके भी उनके आंदोलन के साथ खड़े थे।

हम अगर डेढ़ दो साल पुराने इस आंदोलन पर गौर करें तो पता चलता है की केजरीवाल अन्ना से ज्यादा जोश और दृढ़ इच्छाशक्ति से अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह से ना सिर्फ समर्पित हैं, बल्कि बिना किसी परवाह के आगे बढ़ते जा रहे हैं, जो वाकयी मे प्रशंसनीय है क्योंकि उनकी लड़ाई ऐसे लोगों से है जो प्रभावशाली ही नहीं सत्ता मे भी हैं।

हो सकता है केजरीवाल महत्वाकांक्षी हों, किन्तु अभी तक उनकी महत्वाकांक्षा देशहित मे ही दिख रही है, तथा उन्होने देश सेवा के लिए एक ऐसे पद से त्यागपत्र दिया जहां से काफी मात्रा मे अवैध धन कमाया जा सकता था, और अगर उनमे कहीं भी सुई की नोक के बराबर भी कोई कमी पायी जाती तो अभी तक वो तिहाड़ की यात्रा पर होते, बाबा रामदेव इस बात के सबूत हैं जिन्हे छोटी मोटी गलतियों के लिए भी इस तरह से परेशान किया जा रहा है जैसे सबसे बड़े देशद्रोही और भ्रष्टाचारी वही हों।

दूसरी तरफ हमारे अन्ना साहब जिनके ऊपर सेना का भगोड़ा सिपाही होने का आरोप भी है मुझे नहीं पता ये आरोप सत्य है अथवा गलत, पर आज उनके भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से पीछे हटने से उनके पलायनवादी व्यक्तित्व का असली चेहरा सामने आ गया है, जिससे लगता है की उनपर जो आरोप लगे थे वो सत्य भी हो सकते हैं, वैसे भी जब वो किसी आंदोलन मे भाषण देते हैं तो स्वतः ही दिख जाता है की वो सिर्फ अपनी मार्केटिंग ही कर रहे है जैसे- मै मंदिर के 8-10 फिट के कमरे मे रहता हूँ, मेरे पास एक चारपाई और खाने के लिए एक दो बर्तन के अलावा और कुछ भी नहीं, मैंने कई मंत्रियों का विकेट लिया है आदि, इसप्रकार साबित होता है की जब उन्हे लगा की केजरीवाल को इस आंदोलन मे उनसे ज्यादा लोकप्रियता हासिल हो रही है तो उन्होने तुरंत अपने कदम पीछे खींच लिए यहाँ तक की अपना नाम भी इस्तेमाल ना करने के लिए कह दिया जिससे उनकी छोटी मानसिकता ही दिखती है, कुछ लोग अन्ना की तुलना महात्मा गांधी जी से करते हैं, पर क्या गांधी जी ने हिन्दू महासभा या भगत सिंह, सुभाष चन्द्र बोस  आदि अपने से विपरीत विचारधारा वालों से भी कभी कहा था की वो मेरा नाम इस्तेमाल ना करें?

जबकि गांधी जी अहिंसा के मामले मे हद से ज्यादा आग्रही या कहें की दुराग्रही थे, और अहिंसा की असफलता को वो पचा नहीं सकते थे, अतः उन्होने सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, चन्द्रशेखर, वीर सावरकर आदि जैसे महान कर्न्तिकारियों से दूरी बना ली थी।  सायद अन्ना हज़ारे जी को लगता है की अन्ना गांधी से भी बड़ा ब्रांड बन गया है, इसलिए उन्होने अन्ना का कॉपीराइट करा लिया।

जरूरी नहीं की केजरीवाल का हर कदम सही ही हो या वो अपने उद्देस्य मे सफल ही हों पर आज उन्होने अच्छे अच्छों की नींद हराम कर रखी है, तथा भ्रष्टाचारियों मे खलबली मची हुयी है, केजरीवाल ने भारत के उस कथित प्रथम परिवार के दामाद जी को भी कटघरे मे खड़ा कर दिया है जिसपर बोलने से पहले बड़े बड़े राष्ट्रवादी लोग भी सौ बार सोचते हैं।

जो भाजपाई इनका विरोध कर रहे हैं उन्हे इसका जवाब तो देना ही होगा की जिन कांग्रेसी घोटालों को अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम उजागर कर रही है उसे ये विपक्ष मे रहते हुये भी उजागर करने मे क्यों असमर्थ रहे? या फिर भाजपा भी अपने अंदर बढ़ते हुये भ्रष्टाचारियों की संख्या के कारण चुप रहना ही उचित समझ रही है? वजह कुछ भी हो पर ऐसी चुप्पी ना तो देशहित मे है, ना ही भाजपा के और केजरीवाल कितनी भी कोशिश कर लें 2014 तक वो देश को तीसरा विकल्प देने मे असमर्थ ही रहेंगे, क्योंकि ये भारत का महान लोकतन्त्र है जहां प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति जुगाड़ करके बनाए जाते हैं, अमरीका की तरह नहीं की तुच्छ जनता इसका सीधा फैसला कर सके।

24 COMMENTS

  1. जब कोई कुछ अच्छा करता है तो उसके समर्थको के साथ विरोधियों की संख्या भी बढ़ती है किन्तु यदि वो आदमी सच्चा निकलता है तो इतिहास उसके विरोधियों को सदा के लिए खलनायक बना देता है। प्रथम दृष्टया केजरीवाल और उनका उद्देश्य पवित्र ही लग रहा है पर वो क्या हैं और किस उद्देश्य के लिए लड़ रहे हैं ये तो आने वाला कल ही बताएगा……

  2. Kejriwaal achha kaam kar rahe hain vaise iskaa fyadaa BJP ko tabhee hogaa jab vah eemandaar ummeedwar khade karege- apne 80% ummeedwaron ko badal kar.

    Anna ke saath nahi hone ka matlab nahee hai kee kejreewal Anna ke virodhee hain.
    Vah yuvaa hain ,Anna vriddh jo rajneeti se door rahnaa chahte hain.ise bas itnaa hee samajhnaa chahiye,

    • केजरीवाल ग्रुप में आपने प्रसंत भूषण को परखा जो चाहता है की कश्मीर पाकिस्तान में विलय हो एक सदस्य कहता है नरेंद्र मोदी मानवता का हत्यारा है दूसरा देशद्रोही बुखारी के तलवे चाटता है अरविन्द केजरीवाल खुद अपने फेसबुक अकाउंट पे मर्यादा को भुलाकर ये लिख चूका है एक मित्र के पूछने पर की आज कल क्या कर रहे हो तो केजरीवाल लिखता है “इस अन्ना ने आजकल दिमाग ख़राब करके रखा है ” ये अनशन समाप्ति के बाद की बात है सारी मान मर्यादा भुला दी इस बन्दे ने ,जिस अन्ना के छींकने पर भी केजरीवाल हाजिर हो जाते थे .. उसी अन्ना ने मोतियाबिंद का आपरेशन करवाया तो केजरीवाल, संजय सिंह, कुमार विस्वाश में से कोई भी अन्ना का हालचाल लेने नही गया आज तक जो भी मुद्दा उठाया उसे सिर्फ एक बवाल बनाकर छोड़ दिया कभी सोनिया गाँधी के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला है ये क्या साबुत नहीं है साबुत सोनिया गाँधी के फर्जी सर्टिफिकेट नेट पर मिल जायेंगे आखिर क्या कारन है की गाँधी परिवार के खिलाफ एक शब्द भी नहीं और किसी के बारे में कुछ भी बक देते है आर्मी की गतिविदियो तक पे ये अपना बयां दे देते है तो गाँधी परिवार की अयाशी पर एक बयां नहीं दे सकते आसाम दंगो पर कोई बयां नहीं पर नरेंद्र मोदी को नहीं बक्सेंगे

      में माफ़ी चाहता हु की आप से मै प्रश्न पे प्रशन कर रहा हु पर हो सके तो इस प्रशन का जवाब दीजियेगा की जब केजरीवाल बिजली के कनेक्शन किसी गरीब के घर जोड़ता है तो पुलिश वापिस वो कनेक्शन काटकर उसके घरवालो के खिलाफ FIR दर्ज कर गिरफ्तार कर लेती है पर केजरीवाल को न गिरफ्तार करती है और न ही FIR दर्ज करती है आखिर इसके पीछे क्या राज है जबकि कनेक्शन तो केजरीवाल जोड़ता है इसमे घर वालो का कोई दोष नहीं है
      और इसके बाद भी देखिएगा की केजरीवाल ने जबसे नोटंकी शुरू की तब से कभी भी सर्कार का कोई एक्शन केजरीवाल के खिलाफ नहीं गया जबकि ये सर्कार तो निरपराध लोगो को भी सबक सिखाने के लिए मशहूर है आपको पता है आज तक श्यामाप्रसाद मुखर्जी से लेकर लाल बहादुर शास्त्री से होते हुए राजेश पायलेट माधवराव सिंधिया तक यदि कोई इस गाँधी परिवार के खिलाफ गया तो वो जिन्दा नहीं बचा फिर केजरीवाल पर ये परिवार इतना नरम क्यों है ये तो आरोप न होने पर भी आरोप लगाने के लिए सारी सरकारी व् गेर सरकारी संस्थाओ को लगा देता है और इसका तजा उदहारण आचार्य बल्क्रिशन है

      आखिर क्या कारन है की न तो कभी केजरीवाल गाँधी परिवार के खिलाब कुछ बोलता है न ही गाँधी परिवार कभी केजरीवाल के खिलाफ एक्शन लेता है जबकि दुनिया का सबसे भ्रष्ट परिवार भारत का गाँधी परिवार है और जिसके खिलाफ साबुत अगर कोई जुटाना चाहे तो हर देश में मिल जायेंगे आखिर इन दोनों की मिलीभगत के आलावा और ये सब क्या हो सकता है
      धन्यवाद

  3. आपको पता होगा की कांग्रेस अपने विरोधियो का पत्ता साफ करने के लिए सारी सरकारी गेर सरकारी संस्थाओ और मिडिया को लगा देता है जैसे की आपने बाबा रामदेव का उद्दहर्ण भी दिया वो सत्ता में है और उसका दुरूपयोग कर वो बिना आरोप के भी केजरीवाल अन्दर करने की ताकत रखती है परन्तु आज तक केजरीवाल पर कांग्रेस की कोई कारवाही आपको नजर आती है जबकि इतने आरोप केजरीवाल और उसकी टीम पर है क्यों ………..क्योंकि ये कांग्रेस और अमेरिकन एजेंसियों द्वार मिडिया का सहारा लेकर खड़ा किया आदमी है इसको कुछ भी बोलने और करने की छुट है आखिर भारतीय जनता में इसे हीरो बनाकर वापिस सत्ता में आने वाला है ……………और अमेरिका नरेंद्र मोदी से वैसे ही डर रहा है उसको लगता है की अगर ये आदमी प्रधानमंत्री पद पर पहुच गया तो इस बार विज्जा अमेरिका का कैंसिल हो जायेगा …………………..इन दोनों की साजिस से ये देशभक्ति का लिबास पहन के हीरो बनने की कोशिस कर रहा है ………………..बेचारे अन्ना को भी मुर्ख बनाकर इसने साथ में लपेट लिया था परन्तु समय रहते अन्ना को अक्ल आ गई ………….और जो ये varda सलमान आदि पर छोटे मोटे आरोप लगाकर दामाद जी को अपना रास्ता दिखाकर प्रियंका गाँधी को प्रधानमंत्री का दावेदार घोषित करना चाहती है …………ये देश का दुर्भाग्य है की इस देश में बहुरूपिये भी इस देश की जनता को मुर्ख बना देते है
    आप मेरी बातो के आगे मत झुकिए बल्कि आप खुद केजरीवाल पे शोध कीजिये आपको स्वयं पता चल जायेगा और एक दिन खुद केजरीवाल ने अपने फेसबुक अकाउंट पे एक मित्र को जवाब देते हुए लिखा था की लिखा था की “इस अन्ना ने दिमाग ख़राब कर रखा है ” तो इससे समझदार को इशारा काफी है

    मेरा आपसे निवेदन है की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भी ऐसे भेडियो को समर्थन मत दीजिये बल्कि इनसे देश की रक्षा कीजिये आपकी जानकारी के लिए कुछ लिंक आपको दे रहा हु जिनसे इनकी कुछ असलियत पता चल सकेगी
    https://www.youtube.com/watch?v=K34AgiQBogc

    https://www.youtube.com/watch?v=fQGW5fbfTUY

    https://www.youtube.com/watch?v=iwtqNLSbI3w

    https://www.youtube.com/watch?v=sn6cN-JJCrA

    https://www.youtube.com/watch?v=ca2n9dqjKto&feature=relmf

    वन्दे मातरम

  4. मुंबई। ‘भाजपा राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नीतिन गडकरी से हमे कोई नुकासन नहीं बल्कि गडकरी से तो हमे बहुत फायदे हुए हैं। गडकरी जी ने हमें बहुत सपोर्ट किया है। उन्होंने हर बार मेरी मदद की है। मैं आज भी पूर्ती कल्याणकारी संस्था की जगह पर ही खेती कर रहां हूं। अंजलि दमानिया कुछ दिन पहले मुझसे मिलने के लिए आई थीं। उन्होंने मुझसे जमीन के दावे के बारे में बात की थी, लेकिन अब जो बात वह कह रही हैं वो बिल्कुल गलत है। मैं कभी भी रोते हुए गडकरी जी से नहीं मिला।’ ये सारी बाते उस किसान ने कही है जिसे इंडिया अगेंस्‍ट करप्‍शन के नेता अरविंद केजरीवाल ने गडकरी के खिलाफ बतौर सबूत पेश किया था। जी हां हम बात कर रहे हैं गजानन घड़गे का जिसके बल पर केजरीवाल ने कल अपने प्रेस कांफ्रेंस के माध्‍यम से नीतिन गडकरी पर घोटालों का आरोप लगाया था। घड़गे के इस बयान के बाद से अब ऐसा लग रहा है कि आने वाले समय में केजरीवाल का भी पोल खुल सकता है।
    महाराष्‍ट्र के गांव खुर्सापुर के रहने वाले गजानन घड़गे ने मराठी न्‍यूज चैनल से किये गये बातचीत में कहा है कि उसका ना तो गडकरी से कोई झगड़ा है और ना ही सिचाई विभाग से। उल्‍लेखनीय है कि गजानन बुधवार सुबह अचानक लापता हो गए थे, जिसके बाद कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। लेकिन गुरुवार सुबह गजानन घर लौट आए और कहा कि वह डर के चलते घर से चले गए थे। वहीं दूसरी तरफ इंडिया अगेंस्‍ट करप्‍शन के ही एक सदस्‍य और पूर्व आईपीएस अधिकारी वाईपी सिंह ने भी केजरीवाल पर आरोप लगाया है। वाईपी सिंह ने बुधवार को अपने फेसबुक वॉल पर लिखा था कि केजरीवाल गिने-चुने ढंग से आरोप लगा रहे हैं।
    वाईपी सिंह ने कहा कि एक खास मंत्री के खिलाफ भी सारे सबूत मौजूद थे मगर केजरीवाल ने उनका नाम नहीं लिया। वाईपी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन करते हुए महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे अजित पवार ने बिना सार्वजनिक नीलामी के लवासा की 348 एकड़ जमीन लेक सिटी कॉरपोरेशन को 23 हजार रुपये प्रति महीने के किराए पर 30 साल के लिए लीज पर दे दी। पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा कि मुंबई में छोटे से छोटा फ्लैट भी किराए पर इतने रुपये में नहीं मिलता है। वाईपी सिंह का कहना है कि इस मामले के सारे कागजात अरविंद केजरीवाल के पास थे, लेकिन उन्होंने इसे सार्वजनिक नहीं किया। वाईपी सिंह ने शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले, दामाद सदानंद सुले और भतीजे अजित पवार पर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।

    https://hindi.oneindia.in/news/2012/10/18/india-kejriwal-witness-ghadge-denies-his-side-of-story-223090.html?fb_ref=FB-recommendations-bar

    • सांतनू आर्य भाई क्षमा करदो, मै केजरीवाल का कोई समर्थक नहीं हूँ मेरे इस लेख का उद्देस्य सिर्फ इतना था की केजरीवाल को टार्गेट करने के चक्कर मे कहीं भ्रष्टाचारी बच ना जाएँ…..

      • यहाँ पर वह दोनों लिंक दी हुई हैं, जिनसे केजरीवाल का यह ऐयाशी का बिल मिला है.

        https://www.bhaskar.com/article/NAT-india-against-corruption-movement-complete-fund-and-expenditure-details-3836280-PHO.html?seq=4&HT1=%3FBIG-PIC%3D

        https://www.bhaskar.com/article/NAT-india-against-corruption-movement-complete-fund-and-expenditure-details-3836280-PHO.html?seq=5&HT1=%3FBIG-PIC%3D
        1) अभी तक उनकी महत्वाकांक्षा देशहित मे ही दिख रही है, तथा उन्होने देश सेवा के लिए एक ऐसे पद से त्यागपत्र दिया जहां से काफी मात्रा मे अवैध धन कमाया जा सकता था, और अगर उनमे कहीं भी सुई की नोक के बराबर भी कोई कमी पायी जाती तो अभी तक वो तिहाड़ की यात्रा पर होते, बाबा रामदेव इस बात के सबूत हैं

        जो लोग कहते हैं, कि अरविन्द केजरीवाल को अगर पैसा ही कमाना होता, तो वो राजनीति क्यों आता. वो तो वैसे भी अच्छे सरकारी फंड पर था.

        पर एक बार इस बिल पर ज़रूर नज़र डालें, जो केजरीवाल ने आंदोलन में आए चंदे के हिसाब के रूप में दिया है.

        पहले बिल में ९ लाख २९ हज़ार रुपये सैलरी के दिखाए हैं वही दूसरे बिल में १९ लाख ७८ हज़ार ८२५ रूपये सैलरी के
        लिए खर्च बताए हैं.

        ऐसी ही कई सारी गडबडियां इस बिल में आप देख सकते हैं. पर मेरा उद्देश्य यहाँ पर केवल इस बात को दिखाने का है, कि क्या यह आंदोलन जनता की हक की लड़ाई था या पैसे लेकर आंदोलनकारियों को बुलाया गया था?
        क्या अन्ना गैंग जो भी अनशन या नौटंकी कर रही थी, वो एक ‘पेड’ स्टंट थे?

        2) हीरोगीरी ही सही पर कम से कम केजरीवाल उन लोगों से तो बेहतर ही हैं जो ड्राइंग रूम मे बैठ कर नेतावों और राजनीति को कोसते रहते हैं…. ऐसे मे अगर हम उन्हे सपोर्ट नही कर सकते तो विरोध करने का भी हमे अधिकार नही है……

        3 पाई इनका विरोध कर रहे हैं उन्हे इसका जवाब तो देना ही होगा की जिन कांग्रेसी घोटालों को अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम उजागर कर रही है उसे ये विपक्ष मे रहते हुये भी उजागर करने मे क्यों असमर्थ रहे? या फिर भाजपा भी अपने अंदर बढ़ते हुये भ्रष्टाचारियों की संख्या के कारण चुप रहना ही उचित समझ रही है? वजह कुछ भी हो पर ऐसी चुप्पी ना तो देशहित मे है

        s

        • आपको पता होगा की कांग्रेस अपने विरोधियो का पत्ता साफ करने के लिए सारी सरकारी गेर सरकारी संस्थाओ और मिडिया को लगा देता है जैसे की आपने बाबा रामदेव का उद्दहर्ण भी दिया वो सत्ता में है और उसका दुरूपयोग कर वो बिना आरोप के भी केजरीवाल अन्दर करने की ताकत रखती है परन्तु आज तक केजरीवाल पर कांग्रेस की कोई कारवाही आपको नजर आती है जबकि इतने आरोप केजरीवाल और उसकी टीम पर है क्यों ………..क्योंकि ये कांग्रेस और अमेरिकन एजेंसियों द्वार मिडिया का सहारा लेकर खड़ा किया आदमी है इसको कुछ भी बोलने और करने की छुट है आखिर भारतीय जनता में इसे हीरो बनाकर वापिस सत्ता में आने वाला है ……………और अमेरिका नरेंद्र मोदी से वैसे ही डर रहा है उसको लगता है की अगर ये आदमी प्रधानमंत्री पद पर पहुच गया तो इस बार विज्जा अमेरिका का कैंसिल हो जायेगा …………………..इन दोनों की साजिस से ये देशभक्ति का लिबास पहन के हीरो बनने की कोशिस कर रहा है ………………..बेचारे अन्ना को भी मुर्ख बनाकर इसने साथ में लपेट लिया था परन्तु समय रहते अन्ना को अक्ल आ गई ………….और जो ये varda सलमान आदि पर छोटे मोटे आरोप लगाकर दामाद जी को अपना रास्ता दिखाकर प्रियंका गाँधी को प्रधानमंत्री का दावेदार घोषित करना चाहती है …………ये देश का दुर्भाग्य है की इस देश में बहुरूपिये भी इस देश की जनता को मुर्ख बना देते है
          आप मेरी बातो के आगे मत झुकिए बल्कि आप खुद केजरीवाल पे शोध कीजिये आपको स्वयं पता चल जायेगा और एक दिन खुद केजरीवाल ने अपने फेसबुक अकाउंट पे एक मित्र को जवाब देते हुए लिखा था की लिखा था की “इस अन्ना ने दिमाग ख़राब कर रखा है ” तो इससे समझदार को इशारा काफी है

          मेरा आपसे निवेदन है की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भी ऐसे भेडियो को समर्थन मत दीजिये बल्कि इनसे देश की रक्षा कीजिये आपकी जानकारी के लिए कुछ लिंक आपको दे रहा हु जिनसे इनकी कुछ असलियत पता चल सकेगी
          https://www.youtube.com/watch?v=K34AgiQBogc

          https://www.youtube.com/watch?v=fQGW5fbfTUY

          https://www.youtube.com/watch?v=iwtqNLSbI3w

          https://www.youtube.com/watch?v=sn6cN-JJCrA

          https://www.youtube.com/watch?v=ca2n9dqjKto&feature=relmfu

          धन्यवाद

          वन्दे मातरम

        • मैंने माना आपने जो भी कहा सब सत्य है और केजरीवाल सबसे ज्यादा दोषी हैं…. पर क्या जिन पर केजरीवाल ने आरोप लगाए हैं वो सब भी गलत है??? राबर्ट बाड्रा, सलमान खुरसीद, आदि सब निर्दोष हैं ???

          • मुकेशजी राजनीती के दाव हमेशा ऐसे खेले जाते रहे है ये आप जरुर समझ लीजिये की कांग्रेस का भावी प्रधानमंत्री पद का उमीदवार अब प्रियंका गाँधी है (क्योंकि मीडिया को उसमे इंदिरा गाँधी की छवि नजर आती है ) अब कांग्रेस का सत्ता में आना इस बात पे निर्भर है की वो भाजपा के वोट जितना हो सके उतने तोड़ दे उसके लिए केजरीवाल को मीडिया में हीरो बनाया जा रहा है
            अब ये जो घोटाले उजागर कर रहा है रोबर्ट को प्रियंका से अलग करने के लिए उसे बदनाम करना जरुरी है ताकि बाद में उससे कानूनन अलग हो सके परन्तु रोबर्ट जयादा बदनाम होगा तो कांग्रेस की छवि ख़राब होगी इसलिए छोटा सा घोटाला सलमान खुर्सिद का खोल के रख दिया और उसे दबा दिया एक घोटाले को दबाने के लिए भी दूसरा घोटाला करना पड़ता है जैसे एक झूठ को छिपाने के लिए सो झूठ बोलने पड़ते है
            इनमे निर्दोष कोई नहीं परन्तु ये सरे दोशी महादोषी को बचाने के लिए दोशी सिद्ध हुए है नहीं तो किसी की क्या ओकात है की गाँधी परिवार से टकराने की कोशिस करे और वो जिन्दा बचे जैसे माधवराव सिंधिया श्यामलाल मुखर्जी राजेश पायलेट लाल बहादुर शास्त्री और भी बहुत है इनके आगे केजरीवाल की क्या ओकात है

          • केजरीवाल के जो आज विरोधी है मेरे जैसे कभी वो भी इसके समर्थक रहे धीरे धीरे हमें इसकी असलियत का पता चला और आगे हमने लोगो को इस बारे में बताना शुरू किया तो बहुत कम लोगो को इसके बारे में विस्वाश हुआ की हम सच बोल रहे है धीरे धीरे ये संख्या बढ़ रही है और केजरीवाल के हजारो सक्रीय कार्यकर्ता उससे अलग हुए है आप चाहते है की हम केजरीवाल के विरोध में अनशन करे तो एसा नहीं होगा (गांधीजी का अनुशरण हम कभी नहीं करेंगे ),क्योंकि हमें किसी बड़े नेत्र्तव से प्रतक्ष रूप से इसका समर्थन नहीं मिला , बाबा रामदेव अप्र्ताक्ष रूप से केजरीवाल का विरोध करते है (ये आप कई vedio में देख सकते है ) परन्तु प्रत्यक्ष रूप से नहीं क्योंकि बहुत सरे अनजान लोग इसे अपना विरोध समझने लगेंगे जिससे होगा ये की कुछ लोगो को कांग्रेस फिर बाबा की छवि ख़राब करने के लिए व् विरोध करने के लिए इस्तेमाल करेगी इसलिए हर कदम को सोच समझकर उठाना जरुरी है
            बहुत जगहों पर जहा केजरीवाल गया तो उसका विरोध हुआ परन्तु मीडिया उस न्यूज़ को उतना कवरेज नहीं देती जितना केजरीवाल को देती है केजरीवाल का विरोध तो खुद अन्ना कर रहे उससे ज्यादा विरोध क्या होगा (आप इस लिंक पर देखे https://www.facebook.com/photo.php?fbid=459065497478383&set=a.113202735397996.19442.100001248102026&type=1&थिएटर अब जो अन्ना की नई टीम होगी उसमे केजरीवाल तो दूर उसका कोई समर्थक भी शामिल नहीं होगा ) क्योंकि मीडिया ये सब बाते नहीं दिखाती इसलिए आप जैसे लोग समझते है की इसका विरोध नहीं हो रहा है जिन किसानो का नाम लेकर केजरीवाल गडकरी को बदनाम कर रहा था उन्होंने इसका खुला विरोध किया है

          • अखिल भारत हिन्दू युवक सभा और भगत सिंह क्रांति सेना अन्ना कोर कमेटी की पूर्व सदस्या एनी कोहली के नेतृत्व में आज दोपहर ३:30 बजे अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन करेंगी।

            एनी कोहली अरविंद केजरीवाल के खिलाफ फोर्ड फाउनदेसन से मिले पैसे के सबूत और अन्य भ्रष्टाचार के सबूत पेश करेंगी।
            समस्त राष्ट्रवादी बंधुओं से अनुरोध है की वो अधिक से अधिक संख्या में दोपहर ३:३० बजे कौशाम्बी मेट्रो स्टेशन पहुंचें।

            संपक सूत्र-
            रवि तिवारी-9311365995
            विष्णु गुप्ता-9311867720
            प्रशांत पटेल-9540624954

  5. शरद पवार के भयंकर भ्रष्टाचार पर पूर्व आईपी.एस अधिकारी वाई.पी.सिंह के जबर्दस्त प्रहार के बाद गम्भीर आरोपों के कटघरे में घिरा केजरीवाल जवाब देने के बजाय कल दिन भर चोरों की तरह मुंह छुपाये रहा था और अपने चमचों के सहारे सफाई दे रहा था. और खिसियाया केजरीवाल आज जब खिसियानी हँसी के साथ साफाई देने निकला तो उसने उन्हीं खबरिया चैनलों को कटघरे में खड़ा करके पवार का दलाल सिद्ध कर दिया जिन खबरिया चैनलों की बैसा
    खियों के सहारे ये शत-प्रतिशत “नैतिक-वैचारिक विकलांग” राजनीति के मैदान में दौड़ने की फूहड़ कोशिशें कर रहा है. इसने आज अपनी थोथी सफाई देते हुए कहा कि, इसने तो ये जानकारी मई में ही और उसके बाद जुलाई में अपनी “अनशनबाजी” के दौरान ही मीडिया को दे दी थी, इसलिए उसके खिलाफ पूर्व आईपी.एस अधिकारी वाई.पी.सिंह के आरोप गलत हैं. इसकी इसी सफाई ने इन खबरिया चैनलों को “पवार के भ्रष्टाचार के दलाल” सरीखे आरोपों के कटघरे में खड़ा कर दिया है..? क्योंकि यदि इस केजरीवाल के अनुसार उसने ने इन खबरिया चैनलों को ये जानकारी दे दी थी तो इन्होने देश को उस समय ये सच क्यों नहीं दिखाया..? किसी भ्रष्टाचारी नेता के भ्रष्टाचार की जानकारी मिलने के बावजूद उसे ना दिखाने की करतूतें तो केवल ब्लैकमेलर और दलाल ही करते हैं. और आज इस केजरीवाल की सफाई का सार और सन्देश तो साफ़ तौर पर यही है.
    और ज़रा गजब मूर्खता देखिये कि, उसकी इस सफाई को “गीता के वचनों” की तरह दिखा सुना रहे हैं ये खबरिया चैनल…. ha ha ha ha ha ha…!!!!!!

  6. केजरीवाल ने एक बार दिल्ली में सभी आरटीआई एक्टिविस्ट की रैली की थी .. उस रैली में उन्होंने कांग्रेसी सांसद और उद्योगपति नवीन जिंदल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए रमेश अग्रवाल जिसके उपर नवीन जिंदल ने तीन बार गोली चलवाई उस रमेश अग्रवाल को आने से ही मना कर दिया |

    ये खुलासा खुद आरटीआई एक्टिविस्ट रमेश अग्रवाल ने किया है | उन्होंने कहा की उन्होंने कांग्रेसी सांसद नवीन जिंदल के खिलाफ आदिवासीओ के शोषण और दुसरे कई कुकर्मो और घोटाले को लेकर आठ फ़ाइल केजरीवाल को दी थी और उन्होंने केजरीवाल के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस करने की बात की .. लेकिन केजरीवाल उन्हें तीन महीने से सिर्फ मुर्ख बना रहे है |

    गौरतलब है की रमेश अग्रवाल पर जानलेवा हमला करने के आरोप में जिंदल ग्रुप के आठ बड़े अधिकारी सात महीनों से जेल में बंद है . कोर्ट उन्हें जमानत तक नही दे रही है क्योकि उनके खिलाफ कई पुख्ता सुबूत सामने आये है इनमे से चार अधिकारी एक आदिवासी दम्पत्ति की हत्या का आरोप भी झेल रहे है |

    लेकिन सबसे बड़ा सवाल मीडिया और केजरीवाल से — आप दोनों नवीन जिंदल के कुकर्मो पर अपनी चुप्पी कब तोड़ोगे ?

  7. आप मोदी जी को कातिल समझते है इसलिए आप ईमानदार है..
    आप बुखारी के तलवे चाटते है इसलिए आप ईमानदार है…
    आपने आन्दोलन से भारत माता की तस्वीर हटाई इसलिए आप ईमानदार है..
    आपने आन्दोलन से वन्दे मातरम् गाने पर नाराजगी जताई इसलिए आप ईमानदार है..
    आपने महाराष्ट्र में कोयली की दलाली में गडकरी का नाम लिया जबकि बीजेपी वहा 10 साल से सत्ता से दूर है और पवार भी नहीं उनके पास मुद्दा दबाने की इसलिए आप ईमानदार है..
    आपने किसी के कार्यालय का घेराव करने की बजाय घर का घेराव किया इसलिए आप ईमानदार है..
    जब जब विपक्ष ने कांग्रेस को घेरा आपने अपनी नौटंकी चालु की इसलिए आप ईमानदार है..
    आप आरक्षण और गैस सब्सिडी मामलो पर चुप रहे इसलिए आप ईमानदार है..
    आप अपने परम मित्र नविन जिंदल के कोयले आवंटन पर खामोश है इसलिए आप ईमानदार है..
    आपके साथीगण अफजल गुरु की सजा माफ़ी की चाहत रखते है इसलिए आप ईमानदार है..
    आपके मित्र कश्मीर को पकिस्तान में विलय करने की मांग करते है इसलिए आप ईमानदार है..
    आपकी लिस्ट के अनुसार प्रधानमंत्री और सोनिया बेकसूर है इसलिए आप ईमानदार है..

    अगर इस जैसे हिन्दुत्व विरोधी आदमी को आप ईमानदार समझते है तो धिक्कार है आपके हिन्दु होने पर ।
    और मुझे फक्र है अपने गद्दार कहलाने पर।

    प्रश्न :- हाल ही मेँ आपने देखा केजरीवाल मीडिया और अपने कार्यकर्ताओँ को लेकर दिल्ली के एक गरीब आम आदमी के घर गये ।
    उसके साथ सहानुभूति दिखाते हुए दो चारफोटो खिचवाई ।
    . . . उसी गरीब के घर दुबार बिजली कनेक्शन काट दिया गया । वे अपने
    परिवार के साथ IAC के लोँगो के साथ मिले जिस पर कार्यकर्ताओँ ने उन्हे
    यह कहकर भगा दिया कि अभी अरविन्द के पास समय नहीँ है ।
    . अब बताईये केजरीवाल सस्ती लोकप्रियता नहीँ तो क्या बटोर रहे है ???
    .
    क्या सिर्फ बिजली के खंम्भे पर खडे होकर फोटो खिचवाना चाहते थे
    एक बार चैनल पर फोटो दिख जाने के बाद सहानुभूति खत्म हो गई ??
    .
    आज भी वो परिवार आँसू भरी आँखो से बुझे बल्ब देखता है और अपने जीवन को कोसता है
    .
    केजरीवाल जी ने कोई कानूनी कार्यवाही क्योँ नहीँ की। क्या कसाब
    को सजा देने वाले कानून पर इन्हे भरोसा नहीँ !!!
    .
    क्योँ फोटो खिँच जाने के बाद गरीब की सुध लेना इन्होने जरुरी नहीँ समझा !!!
    .
    .
    .
    कुछ लोगोँ को बता देना चाहता हूँ
    मे बीजेपी का एजेँट नहीँ भारतमाता के एजेंट हूँ

  8. आप मोदी जी को कातिल समझते है इसलिए आप ईमानदार है..
    आप बुखारी के तलवे चाटते है इसलिए आप ईमानदार है…
    आपने आन्दोलन से भारत माता की तस्वीर हटाई इसलिए आप ईमानदार है..
    आपने आन्दोलन से वन्दे मातरम् गाने पर नाराजगी जताई इसलिए आप ईमानदार है..
    आपने महाराष्ट्र में कोयली की दलाली में गडकरी का नाम लिया जबकि बीजेपी वहा 10 साल से सत्ता से दूर है और पवार भी नहीं उनके पास मुद्दा दबाने की इसलिए आप ईमानदार है..
    आपने किसी के कार्यालय का घेराव करने की बजाय घर का घेराव किया इसलिए आप ईमानदार है..
    जब जब विपक्ष ने कांग्रेस को घेरा आपने अपनी नौटंकी चालु की इसलिए आप ईमानदार है..
    आप आरक्षण और गैस सब्सिडी मामलो पर चुप रहे इसलिए आप ईमानदार है..
    आप अपने परम मित्र नविन जिंदल के कोयले आवंटन पर खामोश है इसलिए आप ईमानदार है..
    आपके साथीगण अफजल गुरु की सजा माफ़ी की चाहत रखते है इसलिए आप ईमानदार है..
    आपके मित्र कश्मीर को पकिस्तान में विलय करने की मांग करते है इसलिए आप ईमानदार है..
    आपकी लिस्ट के अनुसार प्रधानमंत्री और सोनिया बेकसूर है इसलिए आप ईमानदार है..

    अगर इस जैसे हिन्दुत्व विरोधी आदमी को आप ईमानदार समझते है तो धिक्कार है आपके हिन्दु होने पर ।
    और मुझे फक्र है अपने गद्दार कहलाने पर।

    प्रश्न :- हाल ही मेँ आपने देखा केजरीवाल मीडिया और अपने कार्यकर्ताओँ को लेकर दिल्ली के एक गरीब आम आदमी के घर गये ।
    उसके साथ सहानुभूति दिखाते हुए दो चारफोटो खिचवाई ।
    . . . उसी गरीब के घर दुबार बिजली कनेक्शन काट दिया गया । वे अपने
    परिवार के साथ IAC के लोँगो के साथ मिले जिस पर कार्यकर्ताओँ ने उन्हे
    यह कहकर भगा दिया कि अभी अरविन्द के पास समय नहीँ है ।
    . अब बताईये केजरीवाल सस्ती लोकप्रियता नहीँ तो क्या बटोर रहे है ???
    .
    क्या सिर्फ बिजली के खंम्भे पर खडे होकर फोटो खिचवाना चाहते थे
    एक बार चैनल पर फोटो दिख जाने के बाद सहानुभूति खत्म हो गई ??
    .
    आज भी वो परिवार आँसू भरी आँखो से बुझे बल्ब देखता है और अपने जीवन को कोसता है
    .
    केजरीवाल जी ने कोई कानूनी कार्यवाही क्योँ नहीँ की। क्या कसाब
    को सजा देने वाले कानून पर इन्हे भरोसा नहीँ !!!
    .
    क्योँ फोटो खिँच जाने के बाद गरीब की सुध लेना इन्होने जरुरी नहीँ समझा !!!
    .
    .
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    कुछ लोगोँ को बता देना चाहता हूँ
    मे बीजेपी का एजेँट नहीँ भारतमाता के एजेंट हूँ

  9. https://mns-news.in/?p=५३०३

    https://mns-news.in/?p=५२६१

    https://mns-news.in/?p=५२५८

    दमानिया-गडकरी में क्यों हुआ पंगा…?

    भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ कथित ‘खुलासा’ करने वाली आईएसी की नई पोस्टर गर्ल अंजली दमानिया को लोग सामाजिक कार्यकर्ता और इंडिया अगेंस्ट करप्शन की सदस्य के तौर पर ही जान रहे होंगे। लेकिन उनका एक परिचय और भी है। जहां गडकरी पर जमीन हड़पने के आरोप लगे हैं वहां दमानिया की 30 एकड़ जमीन हैं।

    प्राप्त जानकारी के अनुसार, पहले दमानिया और गडकरी के बीच अच्छे ताल्लुकात थे। लेकिन अपनी जमीन बचाने में ज्यादा मदद न मिलने के कारण वह गडकरी की दुश्मन बन बैठीं।

    दमानिया ने 2007 में करजत तालुका के कोंडिवाडे गांव में अपने दो पार्टनर स्वितु मेहता और वनिता अहलूवालिया के साथ मिलकर किसानी के नाम पर एक आदिवासी किसान से उल्हास नदी के निकट 60 एकड़ जमीन खरीदी। आदिवासी से जमीन खरीदने की शर्त पूरी करने के लिए दमानिया ने नजदीक के कलसे गांव में पहले से किसानी करने का प्रमाण देते हुए 7/12 सर्टिफिकेट जमा किए। इसके लिए जमीन मालिक अनिल गोगेट को 80 हजार से पांच लाख रुपये प्रति एकड़ की कीमत भी अदा की गई। लेकिन दमानिया का इरादा तो कुछ और ही था। बकौल जमीन मालिक गोगेट के अनुसार, जब दमानिया ने जमीन खरीदी तो उन्होंने यहां कृषि व्यापार का इरादा जताते हुए कुछ स्थानीय लोगों को नौकरी भी दी। इससे हम बहुत खुश थे लेकिन कुछ समय बाद ही उन्होंने घर बनाकर बेचना शुरू कर दिया। गोगेट ने कहा कि यह देखकर बुरा लगा कि वह जमीन का व्यावसायिक उपयोग करने लगी। इसी दौरान राज्य सरकार का कोंडीवाडे नदी पर 435 करोड़ की डैम बनाने की योजना पास हुई। इसके लिए 410 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करने की योजना थी। इस योजना में दमानिया की जमीन भी जा रही थी। दमानिया ने सरकार की इस योजना का विरोध किया। दमानिया ने 10 जून 2011 को अपनी जमीन बचाने के लिए सिंचाई विभाग को एक पत्र लिखा। उसमें उन्होंने प्रस्तावित डैम को 500 से 700 मीटर स्थानांतरित करने का आग्रह किया ताकि उनकी जमीन बच सके। उन्होंने कहा कि सरकार इस स्थान का सर्वे कर सकती है। यहां 700 मीटर के आसपास कोई निजी जमीन नहीं है, केवल यहां आदिवासियों की ही जमीन है। हमें पूरा विश्वास है वे पर्याप्त मुआवजा देकर अधिग्रहित किए जा सकते हैं। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है यदि उनकी जमीन बच गई तो उनका जीवन बच जाएगा।

    इसके बाद बात न बनने पर दमानिया ने गडकरी से भी पैरवी की चिट्ठी सिंचाई विभाग को लिखवाई। गडकरी ने चिट्ठी में लिखा कि यदि डैम को थोड़ा खिसका दिया जाए तो अंजली दमानिया की जमीन बच जाएगी। लेकिन सिंचाई विभाग ने इस चिट्ठी को अनसुना कर दिया। दमानिया ने अपनी खीझ मिटाने के लिए सिंचाई विभाग के कथित घोटाले को उजागर करने की ठान ली और इसमें गडकरी की मदद मांगी लेकिन गडकरी ने इससे साफ इंकार दिया। यहीं से दमानिया की गडकरी और सिंचाई विभाग से दुश्मनी शुरू हो गई।

    अब सवाल है कि गडकरी की नैतिकता पर सवाल उठाने वाली अंजली दमानिया की नैतिकता उस समय कहां थी जब उन्होंने अपनी जमीन बचाने के लिए आदिवासियों की जमीन अधिग्रहित करने के लिए सिंचाई विभाग को चिट्ठी लिखी।
    https://www.indianexpress.com/news/iac-s-damania-bought-farm-land-sold-it-after-changing-land-use/1018968/

  10. जिस अन्ना के छींकने पर भी केजरीवाल हाजिर हो जाते थे .. उसी अन्ना ने मोतियाबिंद का आपरेशन करवाया तो केजरीवाल, संजय सिंह, कुमार विस्वाश में से कोई भी अन्ना का हालचाल लेने नही गया

    वाईपी सिंह ने कहा,केजरीवाल को सिंचाई घोटाले से जुड़े बड़े घोटाले की खबर थी। शरद पवार के इसमें शामिल होने के सबूत भी उनके पास थे। इसके बावजूद उन्होंने इस मामले को छिपा लिया सिंह साहब को कोटि कोटि धन्यवाद जो घोटाले को सामने लाये आप के प्रयास यह साबित करती है की हिन्दुस्तान धीरे जाग रहा है लोग बर्दास्त नही करेगें, और भ्रस्ट लोगों की अब खैर नही है, वाईपी सिंह ने कहा, ‘मेधा पाटकर के नेतृत्व में एक समिति बनी थी, जिसके सामने महाराष्ट्र के कई मामले थे। उस समिति में मैं और अरविंद दोनों सदस्य थे। इस समिति के सामने भी शरद पवार का भ्रष्टाचार का मामला था। मुझे उम्मीद थी कि अरविंद केजरीवाल बुधवार को यही खुलासा करेंगे, लेकिन उन्होंने इसे छोड़कर बहुत हल्का मामला उठाया।’
    https://in.jagran.yahoo.com/news/national/general/Kejriwal-Anjali-claims-defied-farmer_5_1_9767618.हटमल

    केजरीवाल के परम भक्तो के लिए ………
    बात जब मुस्लिमो की आती है तो ये आम आदमी की बोलती क्यों बंद हो जाती है ..इनकी टीम के सदस्य कश्मीर पर बेतुका बयान देते है …..अपने मंच से भारत माता की तस्वीर उतारते है …असम के दंगो पर कुछ नहीं बोलता ये आम आदमी और मुंबई और यू पी मे जो हुआ उस पर भी चुप रहा ये आम आदमी ….इमाम बुखारी जिस पर गिरफ्तारी के कई बारंट जारी हुए उसके तलवे चाटता है है ये आम आदमी ………क्या अब भी कहोगे ये आम आदमी है . आम आदमी तो बेचारा मंहगाई के बोझ टेल दबता जा रहा है …क्यों नहीं मंहगाई के मुद्दे पर पर मनमोहन का इस्तीफा मांगता ये केजरीवाल(आम आदमी ) ….

    मीडिया का भ्रष्टकाल : राबर्ट वाडेरा घोटाले की खबर एक साल से तैर रही थी पर किसी अखबार चैनल ने सुध नहीं ली

    अरविन्द केजरीवाल ने रॉबर्ट वाडेरा के बारे में प्रेस कांफ्रेंस करके जो खुलासे किए वह खबर पिछले एक साल से मार्केट मे घूम रही थी, और एक छोटे अखबार ने इस खबर को प्रकाशित भी किया था, सोशल मीडिया पर लगातार इसके बारे में बताया जा रहा था, चूंकि मामला सोनिया गांधी के दामाद का था, इसलिए किसी भी बड़े अखबार या न्यूज चैनल की हिम्मत नहीं हुई कि इसे वो छाप सके या दिखा सके। खबर ना दिखाने के पीछे तर्क दिया जा सकता हैं कि सिर्फ आरोप लगाने वाली खबरों को कैसे प्रकाशित या टेलीकास्ट किया जा सकता हैं, लेकिन इससे पहले भी ना जाने कितनी खबरें सिर्फ आरोप के आधार पर दिखाया और छापा गया है।

  11. श्री कृष्णा भगवान को भी सत्य की जीत के लिए युध्भूमि पर उतरना पड़ा था क्योकि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था ऐसा करने के लिए उन्हें बहुत सारे रास्तो से जाना पड़ा था ऐसा करने के लिए उन्हें बहुत सारे नाम दिए गए थे जिसमे से एक नाम था रणछोड़ जिससे पता चलता है की सत्य की जीत के लिए उन्हें जिस रास्ते से जाना पड़ा उस रास्ते से गए पर सत्य को जिताए जब भगवान् को ही सत्य की जित के लिए इतना संघर्ष करना पड़ा फिर हम तो इंसान है सत्य की जीत के लिए हम कोई भी रास्ता चुने पर हमारा लक्ष्य तो सत्य को जिताना है फिर हम इतने छोटे छोटे बातो में क्यों उलझे हैं की कोई हीरो बन रहा है तो कोई जीरो बल्कि हमे आगे बढ़ कर उनका साथ देना चाहिए

  12. कांग्रेस या भाजपा के नेताओं के व्यक्तिगत भ्रष्टाचार पर आक्रमण करने से देश में कोई खास परिवर्तन नहीं होने वाला.नागनाथ और सांपनाथ को कोसने से उसका ज़हर खत्म नहीं होगा.अन्ना तो वास्तव में अब अप्रसांगिक हो चुके हैं.रामदेव और अन्य बाबा लोग स्वयं के अपराधों पर पर्दा डालने के लिए सत्ता पक्ष के साथ सौदेवाजी का खेल- खेल रहे हैं.अरविन्द केजरीवाल कोरे आदर्शवाद या भाववाद के सहारे इस महाभ्रष्ट व्यवस्था की चूल भी नहीं हिला सकेंगे क्योंकि वे यह नहीं समझ प् रहे हैं की भाजपा और कांग्रेस -दोनों ही उन पतनशील अधोगामी उदार आर्थिक नीतियों के पैरोकार हैं जिन्हें आर्थिक साम्राज्य के स्वामियों ने जबरन इस देश की जनता पर लाद दिया है केजरीवाल समझते हैं कि शेरों,चीतों,तेंदुओं भेड़ियों को हिरन,बकरी,गाय औरमेमना हो जाना चाहिए.कुदरत का क़ानून कहता है कि ये संभव नहीं.हाँ यदि राज्य सत्ता पर मजदूर-किसान समर्थित जन-कल्याणकारी लोकप्रिय सरकार हो तो इन हिंसक तत्वों पर अंकुश लगाया जा सकता है .इसके लिए हिंसक तत्वों की हिंसा प्रवृत्ति को कोसने के बजाय उन्हें जीवन्तता प्रदान करने वाली नाभिनाल याने संसद पर ‘सर्वहारा’वर्ग की सत्ता का होना जरुरी है.अरविन्द केजरीवाल इस विषय में कुछ नहीं जानते.वे केवल आदर्शवादी हीरोगिरी के शिकार होते चले जा रहे हैं. .

    • हीरोगीरी ही सही पर कम से कम केजरीवाल उन लोगों से तो बेहतर ही हैं जो ड्राइंग रूम मे बैठ कर नेतावों और राजनीति को कोसते रहते हैं…. ऐसे मे अगर हम उन्हे सपोर्ट नही कर सकते तो विरोध करने का भी हमे अधिकार नही है……

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