झांसी:- नगर के जनवादी लेखक पीबी लोमियो के उपन्यास ‘बुधिया एक सत्यकथा का विमोचन राजकीय संग्रहालय सभागार में एससी कुल्हारे के मुख्य आतिथ्य व वरिष्ठ स्तम्बकार दिनेश बैस की अध्यक्ष्ता में हुआ। पुअर क्रिशिचयन लिबरेशन मूवमेंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर एल फ्रांसिस व वरिष्ठ पत्रकार रमेश चौबे कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि रहे।
एससी कुल्हारे ने उपन्यासकार तथा लेखक पीबी लोमियों के जीवन पर चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कभी अन्याय के सामने झुकना नही सीखा और हमेशा संर्घष का रास्ता अपनाते हुए सत्य का साथ दिया है। बुधिया उपन्यास लिखकर एक बार फिर उन्होंने चर्च जैसी विशाल साम्राज्यवादी शकित को देश में अपने कार्य का मूल्याकंन करने के लिए प्रेरित करने का कार्य किया है। वरिष्ठ स्तम्बकार दिनेश बैस ने कहा कि बुधिया का प्रकाशन होने के बाद समाज को चर्च के कार्य करने की नीति के बारे में बेहतर जानकारी उपल्बध होगी। उन्होंने कहा कि बुधिया उपन्यास भोले-भाले वंचित लोगों को किसी लालच में पड़कर धर्मांतरण करने से रोकने और इसे समझने की प्ररेणा देता है। यह चर्च में धर्मांतरित र्इसाइयों के शोषण को आर्इने की तरह दिखाता है।
पुअर क्रिशिचयन लिबरेशन मूवमेंट के अध्यक्ष आर एल फ्रांसिस ने कहा कि बुधिया केवल एक बुधिया की कहानी नही है यह बुधिया जैसे लाखों-करोड़ों उन धर्मांतरितों की कहानी है जो आत्मसम्मान की तलाश में चर्च के बाढ़े में चले गये थे और सैकड़ों वर्षो से वहां रहने के बाबजूद उन्हें चर्च में वह सम्मान नही मिल पाया जिसकी तलाश में उन्होंने र्इसाइयत का दामन थामा था। मूवमेंट के अध्यक्ष आर एल फ्रांसिस ने कहा कि आज चर्च उन्हें अपने घर में समान अधिकार देने के स्थान पर उन्हें पुन: अनुसूचित जातियों की श्रेणी में शामिल करवाने के लिए जोर लगा रहा है। मूवमेंट अध्यक्ष ने दलित र्इसार्इ समाज को शोषण व भ्रष्टाचार से बचाने के लेखक के प्रयास की सराहना की।
कार्यक्रम में झांसी के कर्इ प्रमुख साहियत्कार, लेखक, रंगकर्मी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए जिनमें प्रमुख रुप से आसिफ नियाजी, श्याम बुघौलिया, बृजमोहन, अजय दुबे, मु.शाहिद, कमलेश झा, ब्रह्रादीन, आरिफ शाहडोली, एमपी सिंह, रामदीन मौर्य, सिराज तनवीर, नश्तर भारती, प्रगति शर्मा, प्रेम कुमार गौतम आदि शामिल थे। कुशल संचालन आफाक अहमद तथा आभार श्रीमती वंदना लोमियों ने किया।