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कला समीक्षा: और अब मोहतरमा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
स्त्री केंद्रित चित्र, पुरुष चित्रकार और स्त्री कलाकार की समीक्षा-दृष्टि कला किसके लिए! इसके हज़ारों जवाब हैं, लेकिन मुकम्मल कोई नहीं, शायद इसीलिए ये सवाल अब तक मौजूं है। क्या कला इंसान के लिए, उसकी तक़लीफ़ बयां करने के लिए है? या रसना-नयन तृप्ति के लिए है...विलास का साधन है...?…