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जुगाड़ कर ,जुगाड़ कर, जुगाड़ कर!! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
हे कल छपने वाले अखबारों की ओर टकटकी लगाए देश वासियो ! छोड़ो कि कल के अखबार में वे क्या कहने वाले हैं तो परसों उसके बदले में वे क्या कहने वाले हैं। अखबार में कुछ देखना ही है तो छूट के, लूट के विज्ञापन देखो, देखो तो एक के…