भजन: श्री खाटू श्याम जी
तर्ज: पंजाबी
बोल: ओ खाटू वाले शरण तेरी आके
(एक हारे भक्त की करुण पुकार)
दोहा: खाटू वाले श्याम धनी का जग में छाया खुमार।
इस मिथ्या जग को छोड़ तू आजा श्याम के द्वार।।
आया जग से हार के दरबार में बाबा तेरे,
दाता तूने ही सबको सहारे हैं दिए,
मुझको भी प्यारे भरोसा तो है तेरा ही,
अब तू तो सब कष्टों को मिटा देगा मेर।।
कलयुग की सरकार और लखदातार कहलाते हो।
जो हार के आये शरण में तेरी, उसका ही साथ निभाते हो।।
मु : ओ खाटू वाले श्याम शरण तेरी आके,
चरणों में शीश झुका के,
मैं तो भी निहाल हो गया – २
अब मैं भी आ गया हूँ, मोह माया तज के, (नाम तेरा जब के)
मैं तो भी निहाल हो गया – २
मैं तो भी माला माल हो गया -२
अ १: मेरे परिवार वाले, सब तेरे ही सहारे हैं।
तेरी रहमत के बिना चलते न गुजरे है।।
तूने दर पर हैं बुलाया, अपना हैं बनाया
मि: जीवन खुशहाल हो गया -२ , मैं तो भी निहाल हो गया।
मैं तो भी माला माल हो गया -२
अ २: तेरे ये एहसान बाबा भूल कैसे पाउँगा।
जब तक यह जीवन तेरा ऋण मैं चुकाऊंगा।।
गुणगान गा के, तुझको मना के
मि : तेरा ही गुलाम हो गया -२, मैं तो भी निहाल हो गया।।
मैं तो भी माला माल हो गया -२
अ ३: हारे का सांवरा साथी कहलाता हैं।
हार के जो आये उसका साथ निभाता हैं।।
करुणा अपार कर के, सब के भण्डार भर दे ,
मि : बाबा का कमाल हो गया -२, मैं तो भी निहाल हो गया ।।
मैं तो भी माला माल हो गया -२
अ ४: नन्दो भैया भी, श्याम तुमको ही मनाता है।
सुबह श्याम आठों याम, ध्यान भी लगता हैं।।
सतगुरु कृपा पा के, शरण में तेरी आके, {लखदातार हैं ये, पक्का यार हैं यह)
मि : तेरा ही तलबगार हो गया -२, मैं तो भी निहाल हो गया।। (मैं तो ताबेदार हो गया, मैं तो भी निहाल हो गया )
मैं तो भी माला माल हो गया।।