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मुकेश कुमार मिश्र की कविता : भेड़िये का प्रायश्चित्त... - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
कि इस शहर का एक भेड़िया प्रायश्चित्त कर रहा है.. कुछ लोग उसके ’साहस’ की प्रशंसा कर रहे हैं… कुछ लोग ’इन्टर्नल’ बताकर मामले को दबा रहे हैं कुछ लोग सेकुलर ढंग से इस मुद्दे को सुलझा रहे हैं… क्यों???? क्योंकि भेड़िया “लाल” है क्यों????? क्योंकि भेड़िया ’भेदिये’ का काम…