भीमराव आंबेडकर के 54वें परिनिर्वाण दिवस पर विशेष- अस्मिता की राजनीति का मसीहा - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
-जगदीश्वर चतुर्वेदी आखिरकार आधुनिक युग में अछूत कैसे जीएंगे ? गैर अछूत कैसे जीएंगे इसके बारे में कोई विवाद ही नहीं था क्योंकि हम सब जानते थे कि वे कैसे हैं और उन्हें क्या चाहिए ?किंतु अछूत को हम नहीं जानते थे। हम कबीर को जानते थे,रैदास को जानते थे।…