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ब्लैक टोरनेडो
हिमकर श्याम तोड़ सरहद की सारी हदें लहरों की बंदिशें एक शाम, अचानक सपनों के शहर में आवारा वहशी हवाएं जागती जगमगाती सड़कों के चप्पे-चप्पे पर बरपा गयी कहर ताज, ओबरॉय, सीएसटी लियोपॉड या कोलाबा ठिठक गयी हर राहगुजर बारूदी हवा के घेरे में रेस्तरा-बाजारें गरीब निवाले भुरभुरा जोश नपुंसक…