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टूटता संयुक्त परिवार एवं बिखरते रिश्ते - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
प्रीति कुमारी परिवार स्थायी एवं सार्वभौमिक संस्था है, परन्तु प्रत्येक स्थान पर इसके स्वरूप में भिन्नता पायी जाती है। उदाहरणार्थ - पश्चिमी देशों में मूल परिवार या दाम्पत्य परिवार की प्रधानता थी तो भारतीय गांव में संयुक्त परिवार या विस्तृत परिवार की। परिवार के अभाव में हम समाज की कल्पना…