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अलविदा - 15 और सुस्वागतम- 16 - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
उम्मीदों और आशाओं का दीप जलाता एक वर्ष बीत रहा है। हर वर्ष के अंतिम दिनों में समाज के सभी वर्गों के लोग अपना वार्षिक लेखा- जोखा याद करते हैं और अगले वर्ष का कैंलेंडर तैयार करते हैं । समाज के सभी लोग पिछले वर्षों में जो कमी रह जाती…