शैलेन्द्र सिन्हा
देश के वित्तमंत्री ने साल 2017-2018 का बजट पेश करते हुए कहा कि “डिजिटल लेनदेन से अर्थव्यवस्था को पारदर्शी बनाने और कालेधन पर रोक लगाने में मदद मिलेगी”। लेकिन झारखंड के जिला दुमका के गांव सरसाजोल में स्थित सरसाजोल लैम्पस, लिमिटेड बैंक किसानो को कैशलेश पद्धति से जोड़ने के क्रम में लगभग 3 महिने पहले ही अपने कदम बढ़ा चुका है।
22 फरवरी 2011 को झारखंड सरकार के सहकारिता विभाग द्वारा इस बैंक की स्थापना की गई। किसान बैंक से जुडकर कैशलेस का लाभ लेने लगे हैं। झारखंड के किसानों की सहायता के लिए सरकार ने अनेक कार्यक्रम चलाये हैं। राज्य में डिजिधन मेला का आयोजन किया जा रहा है,जिसके माध्यम से डिजिटल व्यापार को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री रघुवर दास डिजिटल व्यापार योजना के तहत लक्की विनर को पुरस्कार दे रहें हैं।
सरसाजोल असना गांव में जिला को-ऑपरेटिव बैंक की ओर से 2015 में ग्राहक सेवा केन्द्र खोला गया था, आज यह केन्द्र किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। किसानों की सहायता के लिए ग्राहक सेवा केन्द्र में नोट गिनने की मशीन और स्वाईप मशीन लगाया गया है जिसके माध्यम से किसान कैशलेस कार्य कर रहे हैं। ग्राहक सेवा केन्द्र में प्रधानमंत्री ज्योति बीमा योजना,प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना सहित कई प्रकार की सेवा किसानों को दी जा रही है।
इस संबध में असना लैम्पस के लिंक शाखा के सीएसपी तजमल अंसारी बताते हैं ” हमनें सरल भाषा में किसानों को कैशलेस के बारे में बताया, उन्हें तत्काल कैश की जरूरत थी लेकिन वे सहकारिता विभाग के लैम्पस से जुड़कर अपनी जरूरतों को बिना कैश भी पुरा करने लगे तो किसानों को लगा कि रोजमर्रा जिंदगी की परेशानी का हल मिल गया। आज माईक्रो एटीएम से किसानों को लाभ दिया जा रहा है, उनका ऑनलाईन खाता खोला जा रहा है और आधार से लिंक करके किसानों को डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर द्वारा मनरेगा,प्रधानमंत्री आवास, गैस की सब्सिडी सहित कई प्रकार के भुगतान कैशलेस किये जाते हैं। ग्राहक सेवा केन्द्र में फंड ट्रांसफर की सुविधा है। किसानों को यहां किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है,उनका सारा काम कैशलेस है जिसके माध्यम से वे लेनदेन करते हैं”।
गांव के कई प्रगतिशील किसान तापस कुमार पाल, फादर अंसारी, अनवर अंसारी,दिनेश सोरेन मुमताज अंसारी,मैथ्यूस हांसदा,ईशहाक मियां,पियुन हेम्ब्रम सहित कई किसानों ने अच्छी खेती कर जिला में अपना स्थान बनाया है। ग्राम प्रधान कार्नेलूईस सोरेन ने बताया”यहां के किसान काफी मेहनती हैं, वे साल में दो फसल लगाते हैं। गांव के हर किसान के पास पंपिंग सेट है और वे सिंचाई के लिए पास के द्वारका नदी और तीननदी से पानी को अपने खेतों में लाते हैं जिससे फसल अच्छी होती है”। मालुम हो कि द्वारका नदी और तीन नदी छोटी नदी है जो मयुराक्षी नदी में जाकर मिलती है, सिंचाई के लिए किसान इन नदीयों के पानी का उपयोग करते हैं। पहले किसान रोजगार के लिए बंगाल पलायन करते थे,लेकिन अब परिवार का भरण पोषण कर पाते हैं।
पंचायत समिति सदस्य फादर अंसारी कहते हैं “किसानों ने आधुनिक खेती के तकनीक को अपनाया और फसल में बढ़ोतरी हुई जिससे वे समृद्ध हो रहे हैं और उनके बच्चे बाहर पढ़ रहे हैं”। सरसाजोल लैंम्पस के सचिव शेखावत अंसारी के अनुसार “किसानों को सहकारिता विभाग से कई प्रकार की सुविधा दिलायी जाती है मसलन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना। यहां के अधिकतर किसान केसीसी लोन लेते हैं। लोन लेकर अपनी खेती करते हैं और फसल कटने के बाद लोन चुका देते हैं। वे आगे कहते हैं कि लैम्पस में किसानों के 3 करोड 8 लाख रूपये जमा हैं, जो आसपास के किसी बैंक में यहां के किसानों ने जमा नहीं कराया है। किसान जानते हैं कि सहकारिता बैंक से उन्हें लेनदेन में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है। वे सरकार की योजना का लाभ लेना जानते हैं”।
पलासी की मुखिया सुनीता हेम्ब्रम बताती हैं कि ‘इस गांव में धान की पैदावार अधिक होने के कारण गांव में कई धान मील है,यहां सरसों की पैदावार भी अधिक होती है। अब गांव के किसान मजदूर रोजगार के लिए बाहर नहीं जाते। गांव के किसान पियुन हेम्ब्रम के अनुसार“गांव के अधिकतर किसान अशिक्षित हैं,लेकिन जब लैंम्पस के द्वारा सहायता की गई तो वे उसका लाभ लेने लगे”। किसान ईशहाक मियां और मैथ्यूस हांसदा कहते हैं कि “पहले उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता था लेकिन अब धीरे धीरे आदत हो गयी है। वे बताते हैं कि बच्चों की फीस भी वे कैशलेस में देने लगे हैं। सरसाजोल गांव में बदलाव दिखने लगा है।इस संबध में दुमका जिला सहकारिता बैंक के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार सिंह ने कहा”सरसाजोल लैम्पस जिला का पहला कैशलेश शाखा बना। यहां के किसान जागरूक हैं और हर एक प्रकार के लेनदेन कैशलेश करना सीख गये हैं”।
ऐसे मे यह कहना गलत नही होगा कि दुमका जिला अब कैशलेस दुमका की ओर कदम बढ़ा चुका है। (चरखा फीचर्स)