आम आदमी की नब्ज टटोलता बजट !

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budgetराजेश कश्यप

हरियाणा सरकार ने अपने वार्षिक बजट 2013-14 में आम आदमी को आकर्षित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। वित्तमंत्री हरमोहिन्दर सिंह चट्ठा ने कुल 18000 करोड़ का बजट पेश किया, जोकि गतवर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। इस बार भूपेन्द्र हुड्डा सरकार ने बजट के जरिए जबरदस्त गुगली फेंकी है। निश्चित तौरपर हुड्डा सरकार को इस गुगली का निकट भविष्य में लाभ मिलेगा। हरियाणा सरकार ने इस बार किसी भी नए टैक्स से परहेज करके आम आदमी की मूल चिंता को एकदम क्लीन बोल्ड करके वाहवाही लूटने का काम किया है। हर बजट से पूर्व हर किसी को नए टैक्सों की संभावित मार का जबरदस्त डर बना रहता है। कम से कम इस डर से आम आदमी को काफी हद तक राहत मिली है। प्रदेश सरकार ने इस बजट में आम आदमी की दुखती नब्ज को टटोलने का भरपूर प्रयास किया है। कई लोक लुभावनी योजनाओं और संभावित आर्थिक विकास दर 7.1 प्रतिशत रहने के अनुमानों के साथ प्रदेशवासियों में नई उम्मीदें और उत्साह जगाने की भी काफी हद तक कोशिश की गई है। बजट में कृषि, शिक्षा, खेल, बिजली, स्वास्थ्य, परिवहन, उद्योग आदि हर क्षेत्र में भारी भरकम धनराशि का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने बजट को संतुलित बताते हुए इसे आम आदमी का बजट करार दिया। उन्होंने इसे वित्तीय दृष्टि से अनुशासित बजट बताया है। मुख्यमंत्री की बजट पर दी गई प्रतिक्रिया से सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि उन्होंने बजट तैयार करने से पहले काफी मेहनत की है और आम आदमी को राहत महसूस कराने के लिए हर संभावित विकल्पों की तलाश की है।

हरियाणा सरकार ने नए बजट के जरिए आम आदमी को लुभाने और उनके आक्रोश से बचने के लिए कई योजनाओं की घोषणाएं की हैं। सरकार ने दो लाख परिवारों को 100 वर्ग गज के प्लाट उपलब्ध करवाने, ‘प्रियदर्शिनी आवास योजना’ के जरिए डेढ़ लाख लोगों को के लिए नये मकान बनाने और आम आदमी के लिए बीमा की शुरूआत करने के लिए 37 करोड़ की धराशि का प्रावधान करने जैसी कई लुभावनी घोषणाओं के जरिए आम आदमी के आक्रोश से बचने के लिए जबरदस्त कवायद की है। प्रथम दृष्टया सरकार अपने इस इरादे में कामयाब होती दिखाई दे भी रही है। सफाई, शिक्षा और ग्रामीण विकास के लिए सलाहकारों की नियुक्ति की घोषणा भी आम आदमी का ध्यान बखूबी बांटेगी। ग्रामीण विकास एवं पंचायती क्षेत्र के लिए 1898.48 करोड़ की धनराशि का प्रावधान स्वागत योग्य है। बजट में किसानों को लुभाने के लिए 1854.29 करोड़ रूपयों का प्रावधान किया गया है। सिंचाई के लिए 2240.90 करोड़ दिये गए हैं। लोगों को बिजली की समस्याओं से निजात दिलवाने के लिए 5232.97 करोड़ रूपयों का सराहनीय प्रावधान किया गया है। सोनीपत और पानीपत जिलों में वॉटर ट्रीटमैंट प्लांट की स्थापना स्वागत योग्य कदम है।

शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी ध्यान दिया गया है। शिक्षा पर 8944.29 करोड़ रूपये की भारी भरकम राशि देकर शिक्षा में सुधार की उम्मीदों का बल मिला है। स्कूली शिक्षा पर 2491.83 करोड़ रूपये की धनराशि खर्चने का लक्ष्य रखा गया है। सबसे खास बात यह है कि स्कूलों में विद्याार्थियों के बैठने के लिए डैस्कों की समस्या के निराकरण के लिए बजट में 100 करोड़ रूपयों का प्रावधान करके बेहद उत्कृष्ट कार्य किया गया है। उच्च शिक्षा के लिए 400 करोड़ की धनराशि का प्रावधान सराहनीय कहा जाना चाहिए। चिकित्सा शिक्षा पर भी 400 करोड़ की धनराशि मुहैया करवाकर हरियाणा सरकार ने विद्यार्थियों को बखूबी प्रोत्साहित किया है। औद्योगिक प्रशिक्षण के लिए 200 करोड़ की धनराशि का प्रावधान करने से प्रशिक्षणार्थियों की कौशलता में बढ़ौतरी होगी। नौंवी, बारहवीं और आईटीआई के विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप का प्रावधान करने से गरीब एवं जरूरतमन्द शिक्षार्थियों को कुछ हद तक राहत महसूस होगी। सोनीपत जिले में नैशनल लॉ कॉलेज, कुरूक्षेत्र के कुंआरी में नैशनल स्कूल ऑफ डिजायनिंग इंस्टीच्यूट और खानपुर, मेवात एवं करनाल में नए मैडीकल कॉलेज और रेवाड़ी व झज्जर में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की घोषणाओं से निश्चित तौरपर शिक्षण एवं प्रशिक्षण सेवाओं का विस्तार और विकास होगा।

हरियाणा सरकार ने बजट में खेलों के विकास पर भी अच्छा ध्यान दिया है। सरकार ने खेलों के विकास के लिए 100 करोड़ खर्चने का मन बनाया है। हॉकी के लिए हिसार में एस्टोटफ, फूटबाल के लिए दरियापुर में सिंथेटिक सरफेम प्ले ग्राऊण्ड और महम में बाक्सिंग व रेसलिंग के लिए स्पोर्टस सैन्टर बनाने की घोषणाएं करके खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का सार्थक प्रयास किया है। बजट में परिवहन सेवाओं के लिए 181.50 करोड़ रूपए, सड़कों के निर्माण के लिए 2834.78 करोड़ की धनराशि से आवागमन सुलभ होने की प्रबल संभावनाएं बनती दिखाई दे रही हैं। हरियाणा सरकार ने पूरे देश में ख्यातिप्राप्त मैट्रो सेवाओं के विकास के लिए 2494 करोड़, फरीदाबाद से वाईएमसीए तक मैट्रो पहुंचाने के लिए 8557.40 करोड़ और मुंडका से बहादुरगढ़ तक मैट्रो पहुंचाने के लिए 1992 करोड़ रूपये खर्चने का प्रावधान करने से निःसन्देह प्रदेशवासियों को आधुनिकतम सुविधाओं का तोहफा दिया है। बजट में स्वास्थ्य सेवाओं का भी बजट में काफी ध्यान रखा गया है। सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 477.39 करोड़ का प्रावधान किया है। लोगों को कैशलैश सुविधाएं महैया करवाने की घोषणा आम आदमी को लुभाने वाली है। महिला एवं बाल विकास पर 891.99 करोड़ की धनराशि प्रशंसनीय है। अनुसूचित जाति और पिछड़ों के कल्याण के लिए 3761.20 करोड़ का प्रावधान लोगों को आकर्षित करने वाला है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता क्षेत्र पर 1826 करोड़ का प्रावधान करने की योजना की सराहना की जानी चाहिए। वर्ष 2013-14 के लिए अनुमानित धनराशि 5264085 करोड़ और आगामी पंचवर्षीय योजना के लिए 50000 करोड़ धनराशि का प्रावधान किया गया है, जोकि स्वागत योग्य है।

कुल मिलाकर देखा जाए तो हरियाणा सरकार का यह बजट राहतकारी लगता है। एक आम आदमी बजट से आम तौरपर यही उम्मीद रखता है कि उसे नए टैक्सों की मार न झेलनी पड़े, नई कल्याणकारी सुविधाएं मिलें, उनके विकास के नए रास्ते खुलें और बिजली, महंगाई और बेरोजगारी व बेकारी से छुटकारा मिले। यदि आम आदमी की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं के मद्देनजर देखा जाए तो प्रथम दृष्टया हरियाणा सरकार का प्रस्तावित बजट काफी आकर्षक और सराहनीय कहा जाएगा। यदि सरकार बजट में की गई घोषणाओं पर खरा उतरती है तो निःसन्देह यह प्रदेश सरकार के लिए यह बजट राजनीतिक तौरपर लाभकारी सिद्ध होगा। यदि बजट में की गई घोषणाएं सिर्फ शब्दों और आंकड़ों की बाजीगरी सिद्ध हुई तो यह प्रदेश सरकार के लिए यह अत्यन्त आत्मघाती सिद्ध होगा। हालांकि इस समय हरियाणा सरकार के समक्ष विपक्ष की कोई विकट चुनौती तो नहीं है। लेकिन, जिस तरह से केन्द्र की कांग्रेस सरकार के आम बजट से आम आदमी की उम्मीदें धराशायी हुई हैं और देश में दिनोंदिन बढ़ रही मंहगाई, भूखमरी, गरीबी, भ्रष्टाचार, बेकारी आदि के कारण आम आदमी में अनंत आक्रोश उत्पन्न हुआ है, वह गुस्सा और आक्रोश प्रदेश की कांग्रेस सरकार के लिए परेशानी का भारी सबब बन सकती है। यदि हरियाणा सरकार अपने प्रस्तावित बजट पर खरी नहीं उतरी तो आम आदमी के लिए यह जले पर नमक छिड़कने के समान होगा और उसका परिणाम क्या होगा, यह शायद बतलाने की आवश्यकता नहीं है। हाल फिलहाल, इस बजट को भूपेन्द्र हुड्डा सरकार की विपक्षियों पर जबरदस्त गुगली कहना सर्वथा उचित होगा और यह मानना होगा कि सरकार आम आदमी की दुखती नब्ज को टटोलने और उसे आकर्षित करने में काफी हद तक सफल रही है। विपक्ष द्वारा बजट के ‘बाल की खाल उतारना’ उसका सनातन धर्म है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।

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