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रंगीन पतंगें - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अच्‍छी लगती थीं वो सब रंगीन पतंगें काली नीली पीली भूरी लाल पतंगें कुछ सजी हुई सी मेलों में कुछ टंगी हुई बाज़ारों में कुछ फंसी हुई सी तारों में कुछ उलझी नीम की डालों में उस नील गगन की छाओं में सावन की मस्‍त बहारों में कुछ कटी हुई…