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जिंदगी के रंग - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
समापन क़िस्त [इस कहानी के प्रथम अंश में हमने देखा कि किस तरह विनय राजनीति में आया और किस तरह छः महीने के अंदर स्वतन्त्र उम्मीदवार से फिर एक पार्टी और फिर दूसरी पार्टी में शामिल हुआ.अब आगे देखते हैं जिंदगी क्या रंग बदलती है.] विनय की कहानी को आगे…