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समकालीनता की दास्तान 'मुक्त होती औरत' - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
समीक्षा-कथा संग्रह-मुक्त होती औरत शीना एन. बी. स्वस्थ सामाजिक जीवन के निर्माण के लिए सुदृढ़ राष्ट्रीय एवं आर्थिक परिस्थितियों की तरह स्वस्थ भावनात्मक तत्वों की भी अह्म भूमिका है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि भावनात्मक अंशों में प्रतिबंध लगाना स्वस्थ सामाजिकता के खिलाफ है। ऐसी ही एक भावनात्मकता…