एक भारी वर्षा की शाम में अकेले भीगते हुए … ..
और अंधेरे आकाश की ओर ऊपर देखते हुए ..
जो की भयानक तूफ़ान के साथ गरज रहा था
और .. आसपास कई काले बादल भी छाए हुए थे
मैंने प्रभु से प्रार्थना करना शुरू कर दिया की ;
अधिक से अधिक ,ऐसी भारी बारिश के थपेड़ो पड़े ..
मेरे शरीर पर, मेरे मन और मेरी आत्मा पर;
और यह बारीश ऐसी हो की मेरा अतीत धुल जाए . ..
मेरे सभी वो पाप , जो मैंने अनजाने में किये हो ,वो भी बह जाए …
यह तेज़ बारिश मेरे निराधार अहंकार को पिघला दे
और साथ में ही मेरे क्रोध को भी ख़त्म कर दे ,
हमेशा के लिए !
साथ ही मेरी सांसारिक विश्वासों और धारणाओ को भी ये मिटटी में मिला दे
हे प्रभु जो भी गलत काम मुझसे हुए हो , ये वर्षा उन्हें मिटा दे .
मैं भगवान की ओर बड़े ही उम्मीद से देख रहा हूँ …
एक निर्धन बांझ भूमि की तरह … …
और एक लम्बी उम्र से ;ऐसी ही बारीश की प्रतीक्षा कर रहा हूँ ..
जो जीवन की बूंदों से मुझे भर दे
जो प्यार की बूंदों से मेरी आत्मा को तृप्त कर दे
जो सदभाव की बूंदों से मेरा संसार को भर दे ..
ये वर्षा मेरे भीतर भर दे हंसी को और खुशियों को
और एक पवित्र , परम आनंद से मैं भर जाऊं ..
बारिश के इस भारी रात के बाद ….
मैं फिर से जीवन की एक नई सुबह शुरू कर सकू ..
जिसमे ताज़ी हवा हो एक मीठी फुसफुसाहट की ध्वनि के साथ
और मिले मुझे एक शानदार दृष्टि ;
जिसके कारण मैं अपने भविष्य की सड़क को देख सकू.
और जी सकू एक सुन्दर जीवन ;जो की मैं कभी भी नहीं जी सका .
हे भगवान, कृपया मुझे फिर से आशीर्वाद दे,
एक नए जीवन के लिए … …
हे भगवान,
कृपया मुझे एक नए बच्चे में फिर से बदल दे
ताकि ,मैं फिर से उल्लाहास , जीवन , आनंद और गति से भर जाऊं
वाह/वर्षा के बहाने आप ने ईशवर से क्या सुन्दर प्रार्थना की है, न धन माँगा ,न ऐशवर्य माँगा, न पद मांगा. मांगा तो शैशव,जो चंचल ,चपल,,सहज,है,सरल है,निश्चल है. वह सब दे देगा लेकिन इतना निष्ठुर है की बचपन नहीं देगा.