आम आदमी के लिये मुसीबत भरे सरकार के दो वर्ष

यूपीए 2 सरकार के दो वर्ष पूरे हुए। पर इन दो सालो में भारत में जो कुछ घटित हुआ शायद भारत का इतिहास उसे कभी न भूला पाये और ऐसा भी हो सकता है कि आने वाले समय में ये दो वर्ष कांग्रेस के लिये कलंक बन जाये। कमर तोड मंहगाई, घोटाले, रोज रोज

बढ़ते  पेट्रोल के दाम। आम आदमी ने रो पीट कर ये दो वर्ष तो जैसे तैसे गुजार लिया पर अभी यूपीए2 सरकार के तीन वर्ष और बाकी है। यू तो आज की राजनीति वेश्या की तरह होती जा रही है। देश किस तरह चलाया जा रहा है देश किस तरह चलाना चाहिये हमारी राजनीतिक पार्टियो और प्रतिनिधियो को इस का जरा भी अहसास नही। दिन रात बढ़ती मंहगाई को देखकर ऐसा बिल्कुल भी नही लग रहा कि देश का प्रधानमंत्री एक मजा हुआ देश का एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री है। दिन रात बढ़ती मंहगाई और देश में रह रहे करोडो गरीब लोगो की किसी को कोई फिक्र नही अपनी जिम्मेदारी का किसी को अहसास नही उन में चाहे कृषि मंत्री, वित्तमंत्री या फिर प्रधानमंत्री। अब देखना ये है कि क्या इन तीन वर्ष में भारत में रह रहे गरीबो और मध्यमवर्ग को कुछ राहत मिल पायेगी सरकार की वो कौन सी नीतिया होगा जो गरीबो को सस्ता आनाज सर ापने को छत और उस के बच्चो को शिक्षा दे पायेगी।

आज कांग्रेस पार्टी ने जिस वोटर को खिनौना समझा हुआ है दरअसल वो खिनौना नही है न तो उसे संसद में सांसदो की तरह खरीदा या बेचा जा सकता है और न ही उसे बहुत देर तक झूठे वादो से बहलाया नही जा सकता है भट्टासौल के किसानो की तरह न ही इसे डरा धमका कर बंधक बनाया जा सकता है और न ही देश में कॉमनवैल्थ गेम्स कर के अब आसानी से उसे बेवकूफ नही बनाया जा सकता है। कांग्रेस पार्टी के 125 सालो के इतिहास में करीब 40 वर्ष से ज्यादा कांग्रेस पार्टी ने देश पर राज किया। पर कांग्रेस इन 40 सालो में ये क्यो नही समझ पाई के देश का वोटर न तो उसके हाथो का खिलौना है और न ही गुलाम बल्कि वो तो सही मायनो में राजा है हाकिम है जिसने कांग्रेस को पॉच साल देश की सेवा करने का अवसर प्रदान किया। अगर मुसलमानो के हितो की बात की जाये तो आजादी के बाद जितना शौषण काग्रेस ने मुसलमानो का किया है दूसरी किसी भी सरकार ने नही किया। काग्रेस ने कभी भी मुसलमानो की चिन्ता नही की। जब जब काग्रेस पाट्री को मुसलमानो के वोट की जरूरत हुई तो मुस्लिमो को रिझाने के लिये सच्चर कमेटी, रंगनाथ मिश्र या लिब्राहन आयोग का चारा डालकर मुसलमानो का शौषण किया गया। न्याय मूर्ति राजेन्द्र सच्चर आयोग हो या समय समय पर मुसलमानो के उत्थान के लिये गठित की गई समितिया सभी ने हर बार मुसलमानो की दयनीय स्थिति पर सुझाव दिये।कई आयोग गठित किये गये पर सिर्फ कागजो पर। पिछले दिनो मुस्लिम आरक्षण का झुनझुना भी मुस्लिमो के हाथो में चुनावो के आस पास दिया गया पर कितना आरक्षण मुसलमानो को मिला। आज आजादी के 64 साल बाद भी मुसलमान की समाजी, आर्थिक और तालीमी हैसियत में कोई खास बदलाव नही आया है। आजादी के बाद जो मुसलमान तालीम और सरकारी नौकरियो में आगे था वो मुसलमान आज कहा है रेलवे ,बैंको और प्रशासनिक नौकरियो में इन की हिस्सेदारी सिर्फ पॉच और 3 ़5 प्रतिशत क्यो रह गई। गृह मन्त्रालय के 40 बडे अफसरो में एक भी मुसलमान अफसर क्यो नही है।

देश में फैले भ्रष्टाचार के कारण सरकार को विकास के साथ साथ आम आदमी और कमर तोड मंहगाई पर नियंत्रण का कोई ख्याल नही रहा उसे ख्याल है अपने सहयोगी दलो के भ्रष्ट नेताओ को कानूनी शिकंजे से बचाने का। कांग्रेसी लीडर आज सत्ता सुख में कुछ इस तरह से रच बस गये है की वो बिना लाल बत्ती की गाडी और राजसी सुख सुविधाओ के बगैर जी ही नही सकते। ये ही वजह है की कांग्रेस का पुराने से पुराना लीडर किसी न किसी प्रदेश का राज्यपाल बन जाता है। दरअसल उसे शुरू से राजसी जीवन जीने की आदत होती है जिसे वो मरते दम तक नही छोडना चाहता है। आज जरूरी है की अपने बचे हुए तीन सालो में हमारी सरकार घोटालो के मायाजाल से बाहर निकल कर देश और उस गरीब के लिये भी सोचे जिन गरीब लोगो ने अपनी रहनुमाई के लिये संसद भवन में उसे कुर्सी दी मान सम्मान दिया।

सरकार ने फिर से पेट्रोल के दामो में पॉच रूपये की वृद्वि कर बती हुई मंहगाई में और आग लगा दी। दरअसल ऐसा लगता है कि यें सब सरकार की आज मजबूरी बन गया है। या फिर सरकार खुद भ्रष्टाचार के दलदल में खुद जा फंसी है क्यो कि पिछले एक साल में प्रधानमंत्री को कई मोरचो पर लडना पडा। कभी सीवीसी की नियुक्ति गले की फांस बनी तो कभी सहयोगी दल के वरिष्ठ नेता और कृषि मंत्री शरद पवार की लापरवाही के कारण लाखो टन देश का अनाज खुले में पडा सडता रहा है। सुप्रीम की फटकार सरकार को सुननी पडी। आर्दश सोसायटी घोटाला तो कभी सेना या फिर न्यायपालिका में भ्रष्टचार का मामला प्रधानमंत्री और यूपीए सदस्यो को बगले झाकने पर मजबूर करता रहा। देश में स्वास्थ्य सेवाए आज ना कि बराबर है देश के कई ऐसे पिछडे इलाके है जहॉ बच्चो के पने के लिये दस दस किलो मीटर तक स्कूल नही बिजली पानी की समुचित व्यवस्था नही सडके नही पर यूपीए 2 को इस बात से जरा भी चिंता नही। आज देश की संसद और विधान सभाये लुटेरो का अड्डा बन चुकी है फिर भी कांग्रेस के वरिष्ठ राजनेताओ को शर्म नही आ रही।

यूपीए 2 सरकार की विडंबना यह भी है कि राडिया टेप मामला हो या विकिलीक्स खुलासे सभी कांग्रेस और यूपीए सरकार की लाचारी जाहिर करते है। सुप्रीम कोर्ट और देश में अन्ना की भ्रष्टचार की चलाई आंधी के कारण कुछ देश के कुछ भ्रष्ट राजनेता राजा कलमाणी और कनिमोझी को जेल जाना पडा। ये तो हम सब जानते ही है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी पार्टी की साख और सरकार बचाने और खुद को निष्कलंक जग जाहिर करने के लिये मजबूरन सोनिया गांधी को अन्ना हजारे के सत्याग्रह पर भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर होना पडा। आज यदि अतीत से सबक लेकर कांग्रेस ने अपने भविष्य को नही सुधारा तो आने वाले कल में ऐसा भी हो कि फिर कभी उसे सरकार की पहली या दूसरी वर्षगांठ मनाने का अवसर बुरी तरह मंहगाई और भ्रष्टाचार से दुखी जनता फिर शायद कभी ही न दे।

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