श्रीलंकाई सेना ने लिट्टे प्रमुख को एक मुठभेड़ के दौरान ढेर करने का दावा किया है। सेना का कहना है कि तमिल विद्रोही नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरण का शव बरामद कर लिया गया है और उनकी पहचान भी सुनिश्चित कर ली गई है।मीडिया में आई खबर के मुताबिक सेना के एक वरिष्ठ कमांडर ने बताया कि प्रभाकरण का शव युद्ध क्षेत्र से उनके अन्य सहयोगियों के साथ बरामद कर किया गया है। श्रीलंका के सरकारी टेलीविजन पर इससे जुड़ी तस्वीरें भी दिखाई गईं हैं।
हालांकि, उनके मारे जाने को लेकर भ्रम उत्पन्न हो गया था, क्योंकि विद्रोहियों ने तमिल विद्रोहियों से सहानुभूति रखनेवाली एक वेबसाइट में कहा था कि प्रभाकरण अभी जीवित हैं। और वे एक सुरक्षित स्थान पर हैं।
श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने भी संसद को संबोधन करते हुए तमिल विद्रोहियों के ख़िलाफ़ जीत की घोषणा की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि श्रीलंका को लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम के आतंकवाद से मुक्त करा लिया गया है।
उन्होंने कहा कि यह संघर्ष लिट्टे के ख़िलाफ़ था न कि तमिल लोगों के खिलाफ। उन्होंने तमिल लोगों को आश्वासन दिया कि सभी लोगों रक्षा की जाएगी और समान अधिकार प्राप्त होंगे।
भारत ने भी कहा है कि श्रीलंका में लड़ाई ख़त्म हो गई है और अब वहां की सरकार को तमिलों की समस्याएं हल करनी चाहिए। भारत ने जल्द ही श्रीलंका के युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दल और दवाइयां भेजने का फ़ैसला किया है।
इस ख़बर के आने के बाद श्रीलंका के कई हिस्सों में लोगों के जश्न मनाने की ख़बरें हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि कई हज़ार तमिल लोग राहत शिविरों का रुख़ कर रहे हैं जबकि शिविरों में पहले से ही काफी भीड़ है।