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कर्मधारा में स्पीड ब्रेकर न बनें - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
कर्मधारा में स्पीड ब्रेकर न बनें खुद करें या औरों को करने दें डॉ. दीपक आचार्य आजकल कर्मयोग की धाराएं प्रदूषित होती जा रही हैं। कार्यसंस्कृति का जबर्दस्त ह्रास होता जा रहा है और ज्यादातर लोग धन के मोह में न अपने कर्म से खुश हैं, न संतोषी। सभी को…