कहा जाता हैं सपने वो नहीं हैं जो आप को नींद में आए, सपने तो वह होते हैं जो पूरा होने से पहले आप को सोने न दें। ऐसा कुछ हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के साथ। कांग्रेस के दस सालों के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और घोटाले से धूमिल हुई छवि का पूरा फायदा लोकसभा के चुनाव में बीजेपी को मिला। सालों से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी रही बीजेपी को आख़िरकार कामयाबी मिल गई। इस पूरे चुनाव में हर तरफ मोदी की लहर दिख रही थी। जबकि और राजनीतिक दल इस बात को स्वीकारने में कतरा रहे थे। कांग्रेस हर तरफ से कमजोर नज़र आ रही थी। भाजपा ने जब से नरेंद्र मोदी को अपनी पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया था राजनीति में जैसे कोहराम सा मच गया। हर राजनीतिक पार्टी का एक ही उद्देश्य रह गया था, कि मोदी रोको। हर तरफ से बीजेपी और मोदी पर शब्दों के अमर्यादित प्रहार शुरू हो गए थे। किसी देश के लिए खतरा बताया तो किसी ने राक्षस कह के मोदी को सम्बोधित किया। यहां तक कि मोदी को 2002 के दंगों को लेकर कातिल भी कह दिया। धीरे-धीरे चुनाव करीब आ रहा था। बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के बने उम्मीदवार मोदी की रैलियां शुरू होने लगी। रैलियों की भीड़ को देखकर दूसरे राजनीतिक दलों की होश उड़ने लगे थे। तभी बीजेपी की छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में मोदी की रैली का आयोजन किया गया था। इस रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए खास लाल किले जैसा एक मंच तैयार कराया गया था। जहां से मोदी रैली को सम्बोधित करते। यह मंच जब से बनकर तैयार हो रहा था तभी राजनीतिक गलयारे में एक बार फिर शब्दों के प्रहार शुरू हो गए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने यहां तक कह दिया था कि मोदी प्रधानमंत्री कभी नही बन सकते है। इसलिए अपना ख्वाब पूरा करने के लिए नकली लालकिले के मंच से भाषण दे रहे है। 7 सितंबर का दिन वो दिन जब नकली बने लालकिले से मोदी को अपना भाषण देना था। मोदी वहां पहुंचकर रैली को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। पर एक बात उनकी अच्छी लगी जब उन्होने कहा कि जनता का दर्द कांग्रेस को दिखाई नहीं देता। खैर बात करे हम इस रैली के सम्बोधन के बाद तो इस बने नकली मंच को लेकर शब्दों के बाण छूटने लगे। कुछ नेताओं ने कहा मोदी लालकिले से अपना भाषण नही दे सकते है इसलिए अपना सपना पूरा कर रहे है। वक्त बीतता गया आलोचनाएं होती रही । लोकसभा का चुनाव हुआ । अब इंतजार था नतीजे का । नतीजा 16 मई को जब सबके सामने आया तो बाकी राजनीतिक दलों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार आई। मोदी प्रधानमंत्री बने। पहला सपना बीजेपी का मोदी को पीएम बनाने का पूरा हुआ। भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं की दिनरात की मेहनत और लगन ने आखिरकार कामयाबी दिलाई। जो नेता यह कह रहे थे मोदी पीएम नही बन सकते वो एकदम चुप-चाप बैठ गए। जैसे कुछ कहा ही नही। 15 अगस्त के दिन मोदी एक बार फिर लालकिले से अपना भाषण देंगे पर इस बार ये असली का लालकिला होगा। सपना जो बीजेपी को लोगों और मोदी ने सजाया वो पूरा होगा। पर देखने वाली बात यह है कि नकली लालकिले से कांग्रेस पर मोदी ने अपना निशाना साधा था। मोदी ने कहा कि जनता का दर्द कांग्रेस को दिखाई नहीं देता है अब जब उनकी बारी आई है तो स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर जनता को अपने भाषण के जरिए कैसा तोहफा देगें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी।
रवि श्रीवास्तव
पिछले सरसठ वर्षों में १८८५ में जन्मी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने चिरकाल से सोई जनता को नींद में केवल सपने ही दिखाए हैं| मुट्ठी भर फिरंगियों ने और तत्पश्चात मुट्ठी भर कांग्रेसियों ने भारतीय मूल के निवासियों के भरपूर सहयोग से भारतीय भूभाग पर मनमानी से राज्य किया| अब सदियों में पहली बार राष्ट्रीय शासन स्थापित कर नरेन्द्र मोदी से और कौन उपहार मांगते है? प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी को लाल किले की प्राचीर पर खड़े भारतवासियों को संबोधित कर आदेश देना चाहिए कि बिना खड्ग बिना ढाल वास्तविक स्वतंत्रता मिलते उन्हें पूरी निष्ठा से नव भारत पुनर्निर्माण में लग जाना चाहिए!