चुहिया की नसीह‌त‌

सुबह सुबह चूहे ने कर दी,

सिगरेट की फरमाइश|

बोला चुहिया से, लेकर आ,

अच्छी सी सिगरेट बस|

लंबा एक लगाऊँगा कस,

बड़ा मजा आयेगा|

सिगरेट पीकर जैसे मेरा,

जन्म सुधर जायेगा|

चुहिया बोली सही बात है,

कश लंबा ही लेना|

कश लेने को बिछा दिया है,

मैंने एक बिछोना|

अच्छा लंबा कश लेने से,

जन्नत पा जायेगा|

दुनिया के दुखदर्दों से,

छुटकारा मिल जायेगा|

 

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प्रभुदयाल श्रीवास्तव
लेखन विगत दो दशकों से अधिक समय से कहानी,कवितायें व्यंग्य ,लघु कथाएं लेख, बुंदेली लोकगीत,बुंदेली लघु कथाए,बुंदेली गज़लों का लेखन प्रकाशन लोकमत समाचार नागपुर में तीन वर्षों तक व्यंग्य स्तंभ तीर तुक्का, रंग बेरंग में प्रकाशन,दैनिक भास्कर ,नवभारत,अमृत संदेश, जबलपुर एक्सप्रेस,पंजाब केसरी,एवं देश के लगभग सभी हिंदी समाचार पत्रों में व्यंग्योँ का प्रकाशन, कविताएं बालगीतों क्षणिकांओं का भी प्रकाशन हुआ|पत्रिकाओं हम सब साथ साथ दिल्ली,शुभ तारिका अंबाला,न्यामती फरीदाबाद ,कादंबिनी दिल्ली बाईसा उज्जैन मसी कागद इत्यादि में कई रचनाएं प्रकाशित|

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