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अन्तर्मुखी भले रहें अन्तर्दुखी न रहें - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
डॉ. दीपक आचार्य लोग मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं। अन्तर्मुखी और बहिर्मुखी। बहिर्मुखी लोगों के दिल और दिमाग की खिड़कियाँ बाहर की ओर खुली रहती हैं जबकि अन्तर्मुखी प्रवृत्ति वाले लोगों के मन-मस्तिष्क की खिड़कियां और दरवाजे अन्दर की ओर खुले रहते हैं। आम तौर पर अन्तर्मुखी…