लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी जैसे नहीं बन पा रहे हैं उत्तराखंडी लोक कलाकार

भार्गव चन्दोला

उत्तराखंड में लोक गायक लगातार प्रसिद्धि पा रहे हैं मगर एक कमी जो इन कलाकारों को नरेंद्र सिंह नेगी जी के आसपास भी नहीं टिकने देती है वो है नरेंद्र सिंह नेगी जी का अपने गानों के माध्यम से उत्तराखंड के जनसरोकारों को प्रमुखता से उठाना| जिस प्रकार समाजसेवी अन्ना हजारे देश हित के लिये त्याग कर रहे हैं ठीक उसी प्रकार नरेंद्र सिंह नेगी जी उत्तराखंड के हित के लिये कई प्रकार की सुखसुविधाओं को त्यागकर लगातार उत्तराखंड के घपले-घोटालों को उजागर करके जनता के बीच ले जाने का प्रयास करते हैं जिसके लिये कई बार उन्हें शासन और सत्तानशीनों द्वारा प्रताड़ित करने तक का प्रयास भी किया गया मगर वो सदा उत्तराखंड के हित के लिये अडिग रहे| सीधे-और सोम्य स्वाभाव के नरेंद्र सिंह नेगी जी उत्तराखंड में उत्तराखंड के हित के लिये छेत्रिय समस्याओं को जिस प्रकार उठाते हैं वो अविस्मरनीय है …उनके गानों में उसका मर्म साफ झलकता है जिसमे पहाड़ के जंगल, टिहरी डाम, उत्तराखंड में हो रहे घोटालों को वो जिस प्रकार प्रस्तुत करते हैं वो जनता को जागरूक करने के लिये संजीवनी का काम करता है उनका उत्तराखंड के प्रति ये प्रेम ही उन्हें और कलाकारों से अलग करता है…. काश बाकी कलाकार भी उन्हीं की तरह उत्तराखंड के हित को सर्वोपरि रखें और जनसरोकारों को प्रमुखता से उठायें तो उत्तराखंड के विकास में एक नई गति आ शक्ति है| नये कलाकार पाश्चात्यीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं कलाकार समाज को सही और गलत दिशा देने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है और यदि उत्तराखंडी कलाकार सही दिशा दें तो समाज भी उनका आभारी रहेगा और उन्हें उचित सम्मान भी मिलेगा…

जय हिंद …. जय भारत …. जय उत्तराखंड

 

 

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