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थोड़ा दूसरों के लिये भी सोचें - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
रामस्वरूप रावतसरे नरेंद्रनाथ ने रामकृष्ण देव से कहा - ठाकुर ! मुझे एकांत में समाधि लगानी है । मुझे ऐसा करने में बहुत आन्नद आता है आप मुझे ऐसा ही करने का आशीर्वाद दें कि मैं ऐसा कर सकूं । ठाकुर श्री रामकृष्ण परमहंस बोले पागल ! कैसी छोटी छोटी…