तेरे लिए

0
265

love1मै,तेरे लिए आया,

इस जिंदगी में,
चाहकर कर भी तेरा ना हो सका,
मुरझे हुए फूलों की तरह मेरी सवेंदनाएं भी मुरझा गई,
खिली हुई कलियों की खुशियों जैसे
प्यार का अहसास होने लगा था,
कुछ सपने थे,
जो पतझड़ की तरह हो गए,
बिन उसके एक पल भी एक नागवार लगने लगा
राहें बनाने से पहले ही
उन राहों पर चलना छोड़ दिया,
पास तो था,
मगर मीलों की दूरी तय करके
पास आने की कोशिश करता,
अतीत को भूलने की कोशिश में
‘आज’ से नफरत करने लगा
बुझे हुए मन से
दिल में एक तीली जलाने लगा
उसके बगैर हर आसान रास्ता,
मुश्किलों में तब्दील हो जाता.
वक्त के बदलाव ने
मुझमें परिवर्तन ला दिया
आज वो मेरे साथ हैं,
जिसके लिए इस जिदंगी में आया था.

रवि कुमार छवि

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here