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अपनी संवैधानिक सीमाओं, औकातों को भूल गए अब्दुल्ला - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
प्रवीण गुगनानी ————————————–देश को हाल ही में हुए धारा ३७० के विवाद में यह स्मरण करा दूं कि कश्मीर विषैले अब्दुल्ला वंश का कतई नहीं है! महाराजा हरिसिंह की पवित्र भावनाओं का अवश्य है और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रजा परिषद् के सपनों का भी है और हम देश के…