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तमाम आजादी के बीच गूंगा है इंसान - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
शेली खत्री किसी भी प्रकार की अभिव्यक्ति के लिए जो आजादी आज उपलब्ध है, पहले उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। ग्लोबल वर्ल्ड में व्यक्ति की अभिव्यक्ति की आजादी का विस्तार हुआ। पहले अभिव्यक्ति के सार्वजनिक और निजी साधन सीमित थे, वहीं समय के साथ इसका फलक बड़ा…