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गजल :गरीब का मुकद्दर - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
कभी गरीब प्याज ,गुड ,मिर्च से चने -बाजरे की रोटी खाता था । प्याज तो, कब का गायब हो गया था, उसकी थाली से ! गुड भी अब गायब हो गया है , उसकी थाली से ! बाकी रह गयी- मिर्च , क्या यह भी कभी गायब हो…