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गजल:आप हम से मिले जिंदगी की तरह-इक़बाल हिंदुस्तानी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
खिल उठी जिंदगी फिर कली की तरह, आप हम से मिले जिंदगी की तरह। जब उसे पा लिया हम ने चाहा जिसे, ग़म भी लगने लगे खुशी की तरह। ख़ास अंदाज़ हैं अपने जीने के भी, दुश्मनी भी जो की दोस्ती की तरह। चैन मिल पायेगा मेरे…