दीवाली पर एक गीत..- गिरीश पंकज

0
183

diwali-fireworks-जिस दिन ऐसी दुनिया देखो, समझो तब सच्ची दीवाली. .
हर चेहरा मुस्कान भरा हो, हर आँगन नाचे खुशहाली,

जिस दिन ऐसी दुनिया देखो, समझो तब सच्ची दीवाली. .

जिनके घर में अँधियारा है, उनको भी उजियारा बाँटें.
कदम-कदम पर दुःख के पर्वत, आओ उनको मिल कर काटें.
जीवन का है लक्ष्य यही हम, हर होठों पर लायें लाली..
हर चेहरा मुस्कान भरा हो, हर आँगन नाचे खुशहाली,
जिस दिन ऐसी दुनिया देखो, समझो तब सच्ची दीवाली. .

केवल अपनी ही चिंता में, मानव तो शैतान हो गया,
दूजों के दुःख भी हरने हैं, इन सबसे अनजान हो गया.
अपनी जैसी भरी-भरी हो, दूजे मानव की भी थाली.
हर चेहरा मुस्कान भरा हो, हर आँगन नाचे खुशहाली,
जिस दिन ऐसी दुनिया देखो, समझो तब सच्ची दीवाली. .

दीवाली क्या रोजाना हम, निर्धन जन से प्यार रखें,
उनके लिए बचाएँ थोडा, उनके हित उपहार रखें,
ज्ञान यही कहता है सबको, बाँटें हम खुशियों की प्याली. .
हर चेहरा मुस्कान भरा हो, हर आँगन नाचे खुशहाली,
जिस दिन ऐसी दुनिया देखो, समझो तब सच्ची दीवाली. .

निर्धन, वंचित, निशक्तों के साथ मनाएं हम दीवाली,
अगर प्रभु ने दिया है वैभव, बन जाएँ फिर वैभवशाली.
साथ नहीं जायेगा कुछ भी, अंत हाथ रहना है खाली..
हर चेहरा मुस्कान भरा हो, हर आँगन नाचे खुशहाली,
जिस दिन ऐसी दुनिया देखो, समझो तब सच्ची दीवाली. .

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here