यूपी के कामांधों की कलंक कथा और चुनावी घोषणा पत्र

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बलात्कार पीडिताओं को नौकरी नहीं इंसाफ चाहिए

कोशिश ये करो प्रदेश में बलात्कार ही ना हो

वीरभान सिंह

उत्तर प्रदेश में सत्ता की लडाई जीतने के लिए समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने इस बार महिला कार्ड खेला है। हाल ही में सिद्धार्थ नगर की चुनावी सभा में योजनाओं की घोषणाओं का वायदी पिटारा खोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर उनकी समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है तो बलात्कार पीडिता लडकी को सरकारी नौकरी दी जायेगी और  के विरूद्ध कडी कार्यवाही की जायेगी।

उत्तर प्रदेश को एक तरह से अगर दबंग बलात्कारियों का गढ कहा जाये तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। देश की राजनीति का दरवाजा उत्तर प्रदेश से होकर ही गुजरता है। जब से उत्तर प्रदेश में त्रिशंकु सरकारो का प्रयोग शुरू हुआ तब से हालात बद से बदतर होते चले गए। बाबरी विध्वंस के बाद तो जिसने भी यूपी में अपनी सरकार बनायी, उसने पहले अपनी और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की जेब हरी की। हालात यह हैं कि आज यूपी में हर दिन रेप के पांच मामले तो ऐसे हैं जो पुलिस के रिकार्ड में दर्ज होते हैं इसके अलावा कई दुष्कर्म पीडितों को तो वर्दी और रूतबे का खौफ दिखाकर भगा दिया जाता है। कुछ लोगों ने अपनी दबंगई दिखाने के लिए महिला के इज्जत को खेला तो किसी ने अपनी कुंठा मिटाने के लिए मासूम बच्चियों पर हाथ साफ कर दिया। आज जहां सपा मुखिया मुलायम सिंह बलात्कारियों को सजा दिलाये जाने के चुनावी वायदे कर रहे हैं, लगता है वे भी ऐसा कुकृत्य करने में कानून के रखवाले और कानून बनाने वाले भी शरीक होते रहे हैं। अपने राजशी शौक में नारी शक्ति का वरण करने वाले कामांधों की ऐसी ही कलंक कथा विधानसभा चुनाव के दौरान आम जनता तक पहुंचाना बेहद जरूरी है।

 सोनम हत्याकांड –

लखीमपुर खीरी के निधासन थाने में 14 साल की सोनम का शव पेड से लटकता मिला था। परिजनों का आरोप था कि रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई है। पुलिस ने इस घटना को आत्महत्या बताया था। बाद में परिजनों का दबाव बढता देख जब दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई थी। महिला आयोग ने यह दावा किया था कि दुष्कर्म हुआ है। इस संबंध में थाने के सीओ के नर अतीक अहमद की गिरफतारी भी की गई थी। झूठी मेडीकल रिपोट्र बनाने और सबूत मिटाने के आरोप में 16 अधिकारियों को निलंबित किया गया था।

कन्नौज काण्ड –

कन्नौज जिले में 14 साल की एक युवती से बलात्कार की कोशिश की गई थी। जब आरोपी बलात्कार में सफल नहीं हो पाये तो उन्होंने किशोरी की आंखें फोड दी थीं। युवती की एक आंख की रोशनी चली गई। यहां भी सरकारी तंत्र देखिए कि घटना की रिपोर्ट लिखने में पहले तो पुलिस ने आनाकानी की लेकिन बाद में दबाव बढता देख देर से रिपोट्र दर्ज की गई थी। घटना की रिपोर्ट देर से लिखने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।

 शीलू बलात्कार काण्ड –

बंदा में विधायक ने दलित नाबालिग लडकी के साथ दुष्कर्म किया। बाद में चोरी का झूठा आरोप लगाकर उसे ही जेल भेज दिया था। पेशी के दौरान कोर्ट पहुंची लडकी ने दुराचार का आरोप लगाया था। बसपा विधायक को निलंबित कर मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए थे। बाद में बसपा विधायक को जेल भेंजा गया थ।

एटा काण्ड –

निधौलीं कलां थाना क्षेत्र में पांच लोगों ने घर से खींचकर युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया था। लडकी द्वारा पहचान लिए जाने पर तेल छिडककर लडकी को जिंदा फूंक दिया था। थाने में इस बार भी रिपोर्ट लिखने में देरी बरतने वाले थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया था।

 चिनहट काण्ड –

लखनऊ के चिनहट इलाके में दलित लडकी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना सामने आयी थी। युवती की लाश ईंट-भट्टे के पीछे लावारिस हालत में बरामद की गई थी। दुपट्टे से गला दबाने की पुष्टि हुई थी। सरकार चिकित्सक ने गैंग रेप-मर्डर की बात को ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नकार दिया था। हंगामे के बाद लाश को कब्र से निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया था। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफतार किया था।

हावी रही पुलिस –

बाराबंकी में नौंवी कक्षा की नाबालिग लडकी से बलात्कार किया गया था लेकिन पुलिस ने सिर्फ छेडछाड का मामला ही दर्ज किया था।

शिवराजपुर गांव की 16 वर्षीय नाबालिग दलित लडकी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। यहां भी पुलिस ने रिपोर्ट तक नहीं लिखी थी।

बिराजमार गांव की 8 साल की दलित बालिका की दरिंदों ने बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी। पुलिस ने फिर कोई कार्यवाही नहीं की।

ठाकुराबाद (मुरादाबाद) के गांव ककरखेडा में दो युवकों ने तमंचों के बल पर दलित युवती से बलात्कार किया था।

सलेमपुर (देवरिया) में दलित युवती के साथ तीन दरिंदों ने दुपट्टे से हाथ-पैर बांधकर सामूहिक दुष्कर्म किया था।

सबे में जहां अब तक के हालात बलात्कारियों को संरक्षण प्रदान करने वाले सरकारी तंत्र की कलंक कथाओं का बखान करते हैं, वहीं ऐसे में चुनावी घोषणा पत्र में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का यह बयान कि अगर उनकी सरकार बनती है तो बलात्कार पीडिता को सरकारी नौकरी दिलायी जायेगी, बडा ही दुखद है। अगर सपा मुखिया यह कहते हैं उनकी सरकार बनी तो प्रदेश में कानून व्यवस्था को इतना पुख्ता कर दिया जाये कि कहीं भी महिला से छेडछाड हुई तो सीधे पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरेगी और आरोपियों को तत्काल सजा दिलायी जायेगी। यदि ऐसा होता तो शायद जनता भी जनाब की बातों में आ जाती। चुनावी घोषणा पत्र में बलात्कार पीडिता को सरकारी नौकरी दिलाने की घोषणा तो की गई है लेकिन वह किस आधार पर होगी, इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है। उत्तर प्रदेश में अधिकांश बलात्कार पीडितायें नाबालिग होती हैं। ऐसे मामलो में क्या होगा? यह यक्ष प्रश्न है। सवाल तो यह भी खडा होता है कि कितने मामलों में यूपी पुलिस निष्पक्ष कार्यवाही करेगी ?

इन सबका फैसला इस बार जनता को लेना है कोरी घोषणायें चाहती है या फिर कार्यवाही।

4 COMMENTS

  1. समाजवादी पार्टी का आफर :
    “बलात्कार करवावो, नौकरी पावो”
    नोट. ये आफर उत्तर प्रदेश के चुनावों तक ही लागु है. चुनावों के बाद आने वाले उम्मीदवारों पर विचार नहीं किया जायेगा.

  2. चलो कोई तो रास्ता मिला सरकारी नौकरी पाने का किसी लड़की से सहमती के आधार पर बलात्कार करो उसको नौकरी मिल जाएगी बलात्कार की सजा सिर्फ ७ साल है…जेल से छूटकर आने के बाद उससे शादी करलो….वैसे अगर शादी न भी सही तो लिव इन रिलेसनशिप भी तो अब मान्य है……..यहाँ एक बात और साफ़ होनी चाहिए की इसमें आरक्षण का तो कोई लोचा नहीं है……अगर इसमें भी दलितों और पिछड़ों के लिए आरक्षण हुआ तो उसे लागू कैसे किया जाएगा??? मुझे तो लगता है दलितों और पिछड़े वर्ग की लड़कियों पर बलात्कार का प्रयास ही उन्हें नौकरी पाने लायक बना देगा…….

  3. भारत में बेरोजगारी इस हद तक है कि लोग कही नौकरी पाने के लिए अपना बलात्कार न करवा दे. बड़ा कठोर वादा है रे मुलायम तेरा!!

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